अफ़्ग़ान तालिबान से अमन मुज़ाकरात केलिए पाकिस्तान से तआवुन पर ज़ोर

इस्तंबोल 03 नवंबर (ए पी) अफ़्ग़ान सदर हामिद करज़ई ने आज पाकिस्तान से इसरार किया कि वो तालिबान से मुज़ाकरात के आग़ाज़ के लिए उन के मुल़्क की मदद करें।

हालाँकि तालिबान की जानिब से अफ़्ग़ानिस्तान में सिलसिला वार ख़ुदकुश हमलों और अहम शख़्सियात के क़तल के वाक़ियात के नतीजा में अमन के आसार मौहूम हो रहे हैं और उन शुबहात में इज़ाफ़ा हो रहा है ईस्लामाबाद की जानिब से अस्करीयत पसंदों की मदद की जा रही है और उन्हें अपनी सरज़मीन पर महफ़ूज़ पनाह गाहें फ़राहम की जा रही हैं।

सदर करज़ई ने अफ़्ग़ानिस्तान से मुताल्लिक़ इस्तंबोल में मुनाक़िदा एक रोज़ा कान्फ़्रैंस में ये अपील की। अहम इलाक़ाई ममालिक और चंद बड़ी मग़रिबी ताक़तें भी इस कान्फ़्रैंस में शिरकत कर रही है।

कान्फ़्रैंस में अफ़्ग़ान मसला पर मिसाली यगानगत-ओ-हम आहंगी का मुज़ाहरा किया और इस बात पर ज़ोर दिया कि 2014-ए-के इख़तताम तक इस जंग ज़दा मुल्क से बैरूनी जंगी फोर्सेस वापसी की तैय्यारी कर रहे हैं और इस मुल्क में अमन बहाल केलिए मुम्किना तआवुन किया जाएगा।

सदर करज़ई ने कहा कि तालिबान की आला क़ियादत की शमूलीयत के बगै़र अफ़्ग़ानिस्तान में अमन कोशिशें कामयाब नहीं हो सकती। उन्होंने इल्ज़ाम आइद किया कि तालिबान की आला क़ियादत पाकिस्तान में मौजूद हैं। अफ़्ग़ान लीडर ने कहा कि हमारी ये उम्मीद है कि हम पाकिस्तान में मौजूद अपने भाईयों की मदद से तालिबान क़ियादत से रब्त पैदा करने में कामयाब होजाएंगी। एक

तवील अर्सा से तालिबान की क़ियादत को अफ़्ग़ानिस्तान के बाहर अपना नैटवर्क क़ायम करने और इस को सरगर्म रखने में मदद मिलती रही है और हम चाहते हैं कि अफ़्ग़ानिस्तान में जारी अमन कोशिशों में उन्हें (तालिबान को) भी शामिल किया जाये।

ताहम पाकिस्तान ने अपनी सरज़मीन पर अफ़्ग़ान तालिबान की आला क़ियादत और अहम क़ाइदीन की मौजूदगी से मुताल्लिक़ इल्ज़ामात की तरदीद की।

पाकिस्तान ने अफ़्ग़ानिस्तान और अमरीका के इन इल्ज़ामात को मुस्तर्द करदिया और दुहरा खेल खेलने का इल्ज़ाम आइद किया, लेकिन 20 सितंबर को अफ़्ग़ानिस्तान की आला तरीन मजलिस-ए-अमल के सरबराह और साबिक़ सदर अफ़्ग़ानिस्तान बुरहान उद्दीन रब्बानी के क़तल के लिए हक़्क़ानी नैटवर्क को मौरिद इल्ज़ाम ठहराया जा रहा है।

इस अस्करीयत पसंद ग्रुप के बारे में शुबा है कि वो पाकिस्तान में सरगर्म हैं, जिस के नतीजा में अफ़्ग़ानिस्तान में जारी अमन कोशिशों के बारे में पाकिस्तान की संजीदगी पर तशवीश का इज़हार किया जा रहा है।

रब्बानी क़तल केस के बारे में हामिद करज़ई और पाकिस्तान के सदर आसिफ़ अली ज़रदारी ने गुज़शता रोज़ तबादला-ए-ख़्याल किया था, लेकिन पाकिस्तान में चूँकि ज़रदारी की कमज़ोर हुकूमत पर ताक़तवर फ़ौज को बरतरी हासिल है।

चुनांचे ये वाज़िह ना हो सका कि पाकिस्तानी सदर किस हद तक अफ़्ग़ान सदर को इस ज़िमन में मालूमात फ़राहम कर सकॆ।

अफ़्ग़ानिस्तान की आला अमन कौंसल ने अपने एक ब्यान मेंकहा कि वो तालिबान के साथ मुज़ाकरात शुरू करने केलिए अपनी कोशिश जारी रखे हुए हैं, लेकिन वो ऐसे किसी भी अफ़राद से मुज़ाकरात नहीं करेगी जिन की शख़्सियत की शनाख़्त नहीं होसकती और ये शुबा होसकता हीका वो दीगर ममालिक के सयासी मक़ासिद की तकमील कररहे हैं।

अफ़्ग़ान अमन कौंसल ने कहा कि अब वक़्त आ गया हीका हमारे पड़ोसी ममालिक मुदाख़लतों का सिलसिला बंद करें और अफ़्ग़ानिस्तान में जहां तशद्दुद में मुसलसल इज़ाफ़ा हो रहा है, अफ़्ग़ान अवाम को ख़ुशहाली, अमन-ओ-सुकून के साथ ज़िंदगी गुज़ारने का मौक़ा फ़राहम करें। इस्तंबोल में मुनाक़िदा अफ़्ग़ान कान्फ़्रैंस के तमाम शुरका और मंदूबीन ने अपने ख़िताब के दौरान अफ़्ग़ानिस्तान के इक़तिदार-ए-आला की भरपूर हिमायत का वाअदा किया और अफ़्ग़ानिस्तान की उबूरी सीकोरीटी क़ियादत की ताईद करते हुए कहा कि इस मुल्क में जंग का सयासी हल निकालने की तमाम तर कोशिशों को बैन-उल-अक़वामी बिरादरी की ताईद हासिल रहेगी ताकि ये मुल़्क अमन-ओ-इस्तिहकाम के साथ इक़तिसादी तरक़्क़ी की राह पर गामज़न हो सकी।

हिंदूस्तान, चीन और ईरान ने भी इस कान्फ़्रैंस में अपने मंदूबीन को रवाना किया था। इलावा अज़ीं अमरीका और दीगर ममालिक जिन की अफ़्वाज अफ़्ग़ानिस्तान में ताय्युनात ही, इस कान्फ़्रैंस में नुमाइंदगी की। तुर्की के सदर अबदुल्लाह गिल ने कहा कि अफ़्ग़ानिस्तान फ़िलहाल दहश्तगर्दी, इंतहापसंदी, मुनश्शियात और इंसानी स्मगलिंग जैसे संगीन मसाइल से निमटने की जद्द-ओ-जहद में मसरूफ़ है और ये ऐसे मसाइल हैं जिन्हें कोई भी मुल्क अपने बलबूते पर हल नहीं करसकता बल्कि इस के लिए बिलख़सूस पड़ोसीयों और बिलउमूम सारी आलिम बिरादरी का तआवुन दरकार होता है।

अमरीकी नायब वज़ीर-ए-ख़ारजा वेलियम बुर्नुस ने काबुल में 29 अक्टूबर को हुए ख़ुदकुश ट्रक बमबार हमले का हवाला दिया, जिस में बिशमोल 13 अमरीकी सिपाही 17 अफ़राद हलाक होगए थी। उन्हों ने कहा कि ये दरअसल अफ़्ग़ानिस्तान में अमरीकी क़ुर्बानी की एक मिसाल ही। मिस्टर बुर्नुस ने कहा कि इलाक़ाई ताक़तें कुछ इस तरह सरगर्म हैं कि इन की सरगर्मीयों से मसाइल को हल करने में मदद मिलने के बजाय सूरत-ए-हाल संगीन से संगीन तर हो रही है।

अफ़्ग़ानिस्तान पर आइन्दा माह अहम बैन-उल-अक़वामी कान्फ़्रैंस जर्मनी के शहर बाण में मुनाक़िद होगी।