अफ़्ग़ान मुहाजिरीन को वतन वापिस जाना होगा – जर्मन वज़ीरे दाख़िला

जर्मन वज़ीरे दाख़िला डी मैज़ीरे ने कहा है कि जर्मनी में अफ़्ग़ान मुहाजिरीन की बढ़ती हुई तादाद क़ुबूल नहीं की जा सकती। उन्होंने नौजवान अफ़्ग़ान मुहाजिरीन परज़ोर दिया कि वो अपने वतन लौट जाएं और वहां जा कर मुल्क की तरक़्क़ी में किरदार अदा करें।

थोमस डी मैज़ीरे का बुध के रोज़ सहाफ़ीयों से बात करते हुए कहना था: इस माह, और इस साल भी, ये देखा गया है कि अफ़्ग़ानिस्तान से यूरोप आने वाले मुहाजिरीन की तादाद दूसरे नंबर पर है। ये बात क़ुबूल नहीं की जा सकती। हम अफ़्ग़ान हुकूमत को बता चुके हैं कि हम ये नहीं चाहते।

वाज़ेह रहे कि मशरिक़े वुस्ता के बोहरान ज़दा इलाक़ों, बिलख़सूस शाम और इराक़ से, मुहाजिरीन की एक बड़ी तादाद यूरोप का रुख कर रही है, जिससे इस बर्रे आज़म में बोहरान की सूरते हाल पैदा हो गई है। शाम और इराक़ के इलावा अफ़्ग़ानिस्तान से भी मुहाजिरीन यूरोप का रुख कर रहे हैं।

जुनूबी यूरोपीय ममालिक, स्पेन, यूनान और इटली इन तारकीने वतन की पहली मंज़िल ज़रूर होते हैं, ताहम ये मशरिक़ी यूरोप से गुज़र कर शुमाली और मग़रिबी यूरोपीय ममालिक को अपनी मंज़िल बना रहे हैं। बहुत से पाकिस्तानी भी मुल्क छोड़कर यूरोप का रुख कर रहे हैं।