अफ़ग़ानिस्तान का सहाफ़ती वफ़द दफ़्तर सियासत में

हैदराबाद 2‍9 जून: अफ़्ग़ानिस्तान से ताल्लुक़ रखने वाले सहाफ़ी जोकि दो हफ़्ते तवील तर्बीयती दैरे पर हैदराबाद में मौजूद हैं, ने आज इदारा सियासत का दौरा करते हुए अमली तर्बीयत के मुताल्लिक़ तफ़सीलात से आगही हासिल की।

अमरीकी यूनीवर्सिटीज़ में ख़िदमात अंजाम देने वाले प्रोफेसर्स की ज़ेर-ए-निगरानी तर्बीयत हासिल कररहे अफ़्ग़ान सहाफ़ीयों की बड़ी तादाद ने आज दफ़्तर सियासत पहूंच कर हिन्दुस्तान में इशाअती सहाफ़त का मुशाहिदा किया और ख़बरों की तरसील-ओ-इशाअत के मुताल्लिक़ मालूमात हासिल कीं।

इंचार्ज अमरीकी कौंसिल बराए अवामी उमोर हैदराबाद गुरदीत सिंह की निगरानी में दफ़्तर सियासत के मुआइने के दौरान अफ़्ग़ान सहाफ़ीयों ने एडीटर सियासत जनाब ज़ाहिद अली ख़ां, मैनेजिंग एडीटर सियासत जनाब ज़हीरउद्दीन अली ख़ां, आमिर अली ख़ां के अलावा दुसरे स्टाफ़ के अरकान से मुलाक़ात करते हुए उनकी ज़िम्मेदारीयों के मुताल्लिक़ तफ़सीली आगही हासिल की।

जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने अफ़्ग़ान सहाफ़ीयों से ख़िताब करते हुए बताया कि हिन्दुस्तान में सहाफ़ती ज़िम्मेदारीयों को पूरा करने के लिए सहाफ़ीयों को मुकम्मिल आज़ादी हासिल है।

उन्होंने तर्बीयत हासिल कररहे सहाफ़ीयों को मश्वराह दिया कि वो अपने सहाफ़ती मिशन को जारी रखने के लिए जुर्रत मंदाना तहरीरों के ज़रीये अपनी शनाख़्त बनाईं।

जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने इन सहाफ़ीयों को हैदराबाद की तहज़ीब-ओ-तमद्दुन से वाक़िफ़ करवाते हुए कहा कि शहर हैदराबाद की मुशतर्का गंगा जमुनी तहज़ीब मुल्क भर में अपनी इन्फ़िरादी शनाख़्त रखती है।

हिन्दुस्तान एक एसा मुल्क है जो हमा लिसानी के साथ साथ हमा मज़हबी अक़्वाम के बावजूद एक मुत्तहदा क़ौम की हैसियत से अपनी शनाख़्त रखता है।

जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने हिन्दुस्तान में अख़लाक़ी इक़दार और बर्र-ए-सग़ीर‍ ओ‍ हिन्दुस्तान के ताल्लुक़ात के मुताल्लिक़ तफ़सीलात से वाक़िफ़ करवाया।

अफ़्ग़ान सहाफ़ीयों के वफ़द जिन के साथ सलील क़ादिर (अमरीकी क़ौंसिलख़ाना) के अलावा दुसरे असातिज़ा मौजूद थे। अफ़्ग़ान सहाफ़ीयों ने हैदराबाद में सहाफ़त और सहाफ़ती उमोर की अंजाम दही के मुताल्लिक़ कई सवालात किए।

आमिर अली ख़ां ने अफ़्ग़ान सहाफ़ीयों के वफ़द को तफ़सीलात से वाक़िफ़ करवाया। जनाब ज़हीरउद्दीन अली ख़ां ने अफ़्ग़ान सहाफ़ीयों को सहाफ़ती इदारों के ज़रीये अक़्वाम की तरक़्क़ी और फ़लाह-ओ-बहबूद के मुताल्लिक़ किस तरह ख़िदमात अंजाम दी जा सकती हैं इन उमोर से वाक़िफ़ करवाया और इदारा सियासत की तरफ से अंजाम दी जाने वाली फ़लाही ख़िदमात का मुशाहिदा करवाया।