रांची : रिम्स के आँख महकमा के डॉक्टर मरीजों को लेंस लगा कर महीने में चार लाख रुपये से ज़्यादा कमा लेते हैं। डॉक्टरों को हर लेंस पर करीब 4550 रुपये तक की कमाई हो जाती है़। फोलडेबल स्वायर एज लेंस की असल कीमत 450 रुपये है, जबकि डॉक्टर इसके बदले मरीजों से पांच हजार रुपये लेते हैं।
यानी एक लेंस पर 4550 रुपये की कमाई़। रिम्स इंतेजामिया लेंस दस्तयाब नहीं कराता है, इसलिए यह रकम सीधे डॉक्टरों की जेब में जाती है़। रिम्स के ज़राये के मुताबिक, एक डॉक्टर अपने ओटी के दिन कम से कम आठ ऑपरेशन कर लेते हैं। हफ्ताह में तीन दिन और महीने में 12 दिन आॅपरेशन करते हैं।
इस हिसाब से रिम्स के आँख महकमा के एक डॉक्टर महीने में करीब 96 ऑपरेशन करते हैं और लेंस से उन्हें चार लाख से ज़्यादा की कमाई होती है़। रिम्स के आँख महकमा में मोतियाबिंद की सर्जरी सबसे ज्यादा नवंबर से मार्च तक होती है़।
मरीजों से लेंस के लिए ज़्यादा कीमत ली जा रही है। हमारे पास भी इसकी शिकायत मिली थी। दावा इंस्पेक्टर अपने सतह इस पर काम कर रहे हैं। ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट में इसे दावा के तौर पर माना गया है, लेकिन एनपीपीए में शामिल नहीं है। हमारे सतह से जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
रितू सहाय, डाइरेक्टर