आंधरा प्रदेश में शराब माफिया

आंधरा प्रदेश में इन दिनों शराब स्कैंडल पर बहस चल रही है । हुकूमत रियासत में किसी तरह के शराब माफिया की मौजूदगी से इनकार करती रही है जबकि अपोज़ीशन जमातों की जानिब से मुसलसल इल्ज़ाम आइद किया जाता रहा है कि हुकूमत शराब माफिया को खुली छूट दे रही है जिस के नतीजा में इंतिहाई बे क़ाईदगियों के साथ शराब का कारोबार उरूज पा रहा है और हुकूमत उस को कंट्रोल करने में पूरी तरह से नाकाम है ।

हुकूमत इन इल्ज़ामात की नफ़ी करती रही है लेकिन वो अपनी एक्साइज़ पालिसीयों में पाई जाने वाली खामियों को दूर करने की जानिब भी तवज्जा नहीं कर पाई है । शराब माफिया के अतलक़ से हालात उस वक़्त और भी संगीन नवीत इख्तियार कर गए जब रियासत के वज़ीर एक्साइज़-ओ-नशा बन्दी मिस्टर मोपे डी वेंकट रमना पर ये इल्ज़ाम आइद किया गया कि उन्होंने ज़िला खम्मम में एक शराब के ताजिर से 10 लाख रुपये बतौर रिश्वत हासिल किए थे ।

हुकूमत इन इल्ज़ामात पर भी ख़ामोश है बल्कि वो इन इल्ज़ामात को झटलाने में मसरूफ़ है । हुकूमत इन इल्ज़ामात की तहकीकात करने को तैयार नज़र नहीं आती जिस से इस का मौक़िफ़ मशकूक होजाता है । दिलचस्प बात ये है कि ये इल्ज़ाम किसी ख़ानगी ताजिर यह अपोज़ीशन जमातों ने आइद नहीं किया है बल्कि ख़ुद सरकारी एजंसी एंटी क़्रप्शन ब्यूरो की जानिब से एक मुल्ज़िम की तहवील के लिए अदालत में पेश की गई रीमांड रिपोर्ट में इस का तज़किरा किया गया है ।

इस के बावजूद हुकूमत उस की तहकीकात के लिए तैयार नहीं है और अब ये इल्ज़ामात भी आइद किए जाने लगे हैं कि रियासत में कम अज़ कम 10 वुज़रा और इस से तीन गुना रुकान असेंबली शराब माफिया में मुलव्वस हैं और वो गैरकानूनी तौर पर शराब की तिजारत में मसरूफ़ हैं। हुकूमत इन इल्ज़ामात की भी तरदीद करती है और इस का कहना है कि ये अपोज़ीशन का झूटा प्रोपगंडा है ।

वाक़्यता अगर ये झूटा प्रोपगंडा है तो हुकूमत उस की तहकीकात करवाते हुए सूरत-ए-हाल को वाज़िह कर सकती है लेकिन इस का तहकीकात से इनकार करना और दामन बचाना इस के मौक़िफ़ को मशकूक बनाता है । इसी सूरत-ए-हाल को देखते हुए अपोज़ीशन जमाअतें हुकूमत को मुसलसल तन्क़ीदों का निशाना बनाते हुए मसला को सयासी रंग देने की कोशिश कर रही है और वो भी इस से सयासी फ़ायदा ही हासिल करना चाहती हैं।

एक रियासती वज़ीर पर शराब के ताजिरों से रिश्वत हासिल करने के इल्ज़ामात के सामने आने के बाद अब हुकूमत की जानिब से ये इशारा दिया जा रहा है कि रियासत में एक्साइज़ पॉलीसी पर नज़र-ए-सानी की जाएगी। हुकूमत का ये इक़दाम काफ़ी ताख़ीर से हो रहा है ताहम ये भी यक़ीन से नहीं कहा जा सकता कि अज़ सर-ए-नौ पॉलीसी का तीन करते हुए इसमें भी किसी तरह के झूले नहीं रखे जाएंगे ताकि मुस्तक़बिल में शराब के ताजिरों । सियासतदानों और ओहदेदारों को किसी तरह के साज़ बाज़ का मौक़ा ना मिल सके ।

ख़ुद वज़ीर एक्साइज़-ओ-नशा बन्दी मिस्टर वेंकट रमना का कहना है कि शराब की दो का नात के हराज के मौजूदा तरीका कार में कई तरह की खामियां हैं और इस पॉलीसी पर अज़ सर-ए-नौ ग़ौर करने की ज़रूरत है और हुकूमत एसा कर रही है । हैरत की बात ये है कि कांग्रेस हुकूमत को अपनी दूसरी मीआद में इस पॉलीसी में झूल नज़र आने लगे हैं और वो इस पर अज़ सर-ए-नौ ग़ौर की बात कर रही है । बात सिर्फ आंधरा प्रदेश की नहीं है जहां शराब माफिया की ताक़त इंतिहा तक पहूंच गई है और सियासतदानों-ओ-ओहदेदारों के साथ साज़ बाज़ करते हुए ये लॉबी पूरी माफिया की शक्ल इख़तियार कर गई है ।

हुकूमत भले ही अपने इमेज को बचाने और अवाम को गुमराह करने केलिए इस बात से इनकार करती रहे लेकिन ये हक़ीक़त है कि शराब माफिया का कारोबार सरकारी ओहदेदारों और सयासी क़ाइदीन से साज़ बाज़ के बगैर नहीं चल सकता। हुकूमत मौजूदा एक्साइज़ पॉलीसी पर नज़र-ए-सानी करने पड़ोसी रियासतों के क़्वानीन का जायज़ा ले रही है ।

एक टीम तमिलनाडू का दौरा कर चुकी है और आइन्दा दिनों में कर्नाटक और केरला को भी दो टीमें रवाना करते हुए वहां पॉलीसी का जायज़ा लिया जाएगा और चूँकि आंधरा प्रदेश में शराब की दो का नात का आइन्दा हराज माह जून में होने वाला है इस लिए हुकूमत कोशिश कर रही है कि जून से क़बल रियासत में नई एक्साइज़ पॉलीसी तैयार की जा सके और मौजूदा पॉलीसी में पाई जाने वाली खामियों को दूर किया जा सके । ये इक़दामात क्या रंग लाते हैं ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।

इस हक़ीक़त से इनकार की गुंजाइश ही नहीं है कि शराब माफिया को सयासी क़ाइदीन और ओहदेदारों की सरपरस्ती हासिल होती है । हुकूमत एक्साइज़ पॉलीसी में नक़ाइस को दूर करने की जो कोशिश कर रही है वो अपनी जगह है लेकिन अब तक जिन सयासी क़ाइदीन अरकान असैंबली वुज़रा और सरकारी ओहदेदारों ने मौजूदा पॉलीसी का इस्तिहसाल करते हुए रिश्वतें हासिल की हैं इन को नज़रअंदाज कर देना ग़लत होगा ।

हुकूमत महिज़ अपनी इमेज को बेहतर रखने और अवाम में बदनामी से बचने केलिए इस तरह का रवैय्या इख़तियार किए हुए है जो ग़लत है । रियासती वज़ीर हूँ कि दीगर ओहदेदार जन जिन पर भी इल्ज़ामात आइद किए गए हैं उन की तहकीकात होनी चाहीए और उन इल्ज़ामात के दरुस्त साबित होने पर ख़ाती अफ़राद के ख़िलाफ़ सख़्त तरीन कार्रवाई से हुकूमत को गुरेज़ नहीं करना चाहीए ताकि दूसरों को इस से पयाम मिले ।

हुकूमत को ये बात ज़हन नशीन रखना चाहीए कि शराब जैसी लानत और इस की बुराईयों से मुआशरा को पाक रखना उस की अव्वलीन ज़िम्मेदारी और फ़रीज़ा है ।