आंध्रप्रदेश की 26 साला खातून से इस्मतरेज़ि के बाद दरिंदों ने उसे बेहोशी की हालत माइंस अस्पताल के पास फेंक दिया। उसकी हालत संगीन है। भवनाथपुर वाक़ेय टाउनशीप माइंस अस्पताल में इलाज चल रहा है। मुतासिरा अंगरेजी और तेलुगु ज़ुबान में ही बात कर पा रही है। डॉक्टर मुसलसल उस पर नजर रखे हुए हैं। लेकिन इत्तिला के बावजूद भवनाथपुर थाना पुलिस अब तक अस्पताल नहीं पहुंची है।
पैर बांधे जाने और जिश्म पर चोट के निशान
वाकिया सनीचर रात की है। खबर के मुताबिक, आंध्रप्रदेश के वारंगल जिला के तहत महबूब नगर गांव की रहनेवाली दो बच्चों की वालिदा सुषमा रेड्डी (हक़ीक़ी नाम) को दरिंदों ने बेहोशी की हालत में माइंस अस्पताल के पास फेंक दिया था। खातून पूरी रात वहीं नंगे हालात में पड़ी रही। लोग आते-जाते देखते रहे। इसी दरमियान अस्पताल की नर्स रेखा कुमारी के शौहर अजय पासवान ने उसे देख कर अपनी बीवी को बताया।
तब रेखा उसे कपड़ों से ढंक कर अस्पताल ले गयी, जहां उसका इलाज चल रहा है। इस दरमियान मुक़ामी पुलिस को वाकिया की इत्तिला दी गयी, लेकिन खबर लिखे जाने तक पुलिस वहां नहीं पहुंच सकी थी। तेलुगु जाननेवाले कुछ लोगों ने मजलूमा से बात की, तो उसने बताया कि 10 दिनों तक उसके साथ गलत हुआ है। बताया जा रहा है कि उस खातून ने पहले झुमरी गांव वाक़ेय स्कूल के नज़दिक नंगी हालत में पड़ी हुई थी, जहां से कुछ लोगों ने उसे अस्पताल के पास लाकर फेंक दिया। खातून के पैर बांधे जाने और जिश्म पर चोट के निशान हैं।