जगत्याल,25 जनवरी: आंध्रा प्रदेश उर्दू एकेडेमी तेज़ी से तरक़्क़ी की राह पर गामज़न है। इन ख़्यालात का इज़हार डा. सय्यद अबदुलशकूर डायरैक्टर सेक्यूरिटी उर्दू एकेडेमी ने आज गेस्ट हाउज़ में एक प्रेस कान्फ़्रैंस को मुख़ातब करते हुए किया। उन्होंने कहा कि आंध्रा प्रदेश रियासत में 84 उर्दू कंप्यूटर सैंटरस का क़ियाम अमल में लाया गया है। जिस में 7000 हज़ार तलबा -ओ- तालिबात कमप्यूटर की तरबियत हासिल कर रहे हैं।
जिस को बोर्ड आफ़ टेक्नीकल एजूकेशन के तहत चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2007 से रुके हुए कामों की तकमील करते हुए इस अर्से में 7 इसकीमात को रूबा अमल में लाया गया और अनक़रीब आठवीं स्कीम मख़दूम एवार्ड के तहत एक लाख रुपये दिए जाएंगे। और यही नहीं सहाफ़ीयों को भी एवार्ड्स दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि रियासत में एक हज़ार उर्दू भवन में जगत्याल में उर्दू भवन की मुस्लिम आबादी में मुंतक़ली पर साबिक़ा रियासती वज़ीर टी जीवन रेड्डी की सताइश की और कहा कि उर्दू कमप्यूटर सैंटर की तबदीली के लिए इक़दामात किए जाएंगे।
इस मौक़े पर साबिक़ा रियासती वज़ीर टी जीवन रेड्डी ने डाक्टर एस ए शकूर से नुमाइंदगी करते हुए कहा कि जगत्याल मुहल्ला इस्लाम पूरा और टी आर नगर कॉलोनी जो मुस्लिम कसीर आबादी वाला इलाक़ा है जहां पर उर्दू कमप्यूटर सैंटर और उर्दू लाइब्रेरी की ज़रूरत है मंज़ूरी के लिए मुतालिबा किया और कहा कि चार फ़ीसद तहफ़्फुज़ात से मुसलमानों को तालीम और रोज़गार में बहुत फ़ायदा हुआ है।
लिहाज़ा उर्दू एकेडेमी के तहत मुसलमानों को तहफ़्फुज़ात के लिए मर्कज़ी सतह पर आबादी के लिहाज़ से 10 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने के लिए नुमाइंदगी करने की तजवीज़ पेश की। इस्से पहले डा. एस ए शकूर ने उर्दू भवन जगत्यालओ कमप्यूटर सैंटर-ओ-उर्दू लाइब्रेरी का तफ़सीली मुआइना किया। इंचार्ज उर्दू घर महमूद अली अफ़्सर कमप्यूटर सैंटर और लाइब्रेरियन मुहम्मद
आसिफुद्दीन ने इनफ्रास्टक्चर की ज़रूरत है और क़दीम फर्नीचर से तलबा और अवाम को भी दुश्वारियां हो रही हैं।
जिस पर उन्होंने फर्नीचर के लिए इसटेटमेन्ट बनाकर रवाना करने के लिए किया। इस्से पहले उन्होंने गेस्ट हाउज़ में आंध्रा प्रदेश उर्दू एकेडेमी 2013 पर कैलेंडर की रस्म इजराई अंजाम दी। इस मौक़े पर साबिक़ा रियासती वज़ीर टी जीवन रेड्डी साबिक़ा चीयरमैन
बलदिया गिरी नागा भूषणम मार्किट यार्ड चीयरमैन दसरथ रेड्डी, बंडा शंकर, महमूद अली अफ़्सर, यूनुस नदीम, मीर काज़िम अली, मुहम्मद चांद, फ़सीहउद्दीन आबिदीन, अक़ील ख़ान, साजिद और दीगर मौजूद थे।