हुकूमत आंध्र प्रदेश ने कहा कि ज़रई कर्ज़ों की माफ़ी के लिए दरकार रक़म के बारे में क़तई मालूमात हासिल नहीं होसके हैं जिस का हिसाब किताब किया जा रहा है लेकिन हुकूमत के इस बयान पर अदम इतमीनान का इज़हार करते हुए अप्पोज़ीशन वाई एस आर कांग्रेस के अरकान ने क़ानूनसाज़ असेंबली से वाक आउट कर दिया और हुकूमत पर इल्ज़ाम आइद किया कि वो हक़ायक़ के इन्किशाफ़ से गुरेज़ कररही है।
ताहम इस अप्पोज़ीशन पार्टी को उस वक़्त उलझन का सामना करना पड़ा जब इस का एक रुकन एवान में वापिस पहुंच गया और बेहस में हिस्सा लिया। जिस पर स्पीकर कोडीला सेवा प्रसाद राव ने सवाल किया कि क्या आप ने वाक आउट किया था या नहीं?।
अगर इस का जवाब हाँ है तो फिर कैसे आप एवान में दुबारा वापिस होसकते हैं जबकि इस मसले पर बेहस जारी है। इस सवाल पर वाई एस आर कांग्रेस के तन्हा रुकन लाजवाब होगए।
वाई स आर कांग्रेस के अरकान जी रवी कुमार और ए सुरेश ने वकफ़ाए सवालात के दौरान ये मसला उठाया था और चाहते थे कि ज़रई क़र्ज़ माफ़ी पर हुकूमत वाज़िह तौर पर हक़ायक़ का इन्किशाफ़ करे।
इन अरकान ने रियासती सतह की बैंकर्स कमेटी के रेकॉर्ड्स का हवाला देते हुए कहा कि ज़रई कर्ज़ों की माफ़ी के लिए 87,000 करोड़ रुपये की रक़म दरकार है और दुसरे 15,000 रुपये ख़ुद इमदादी ख़वातीन ग्रुप के कर्ज़ों की माफ़ी के लिए दरकार है।
इस तरह कर्ज़ों की माफ़ी के लिए 1.02 लाख करोड़ रुपये दरकार हैं जबकि हुकूमत ने बजट में महिज़ मामूली 5000 करोड़ रुपये मुख़तस की है।
उन्होंने हैरत का इज़हार किया कि इस मामूली रक़म में ये क़र्ज़ किस तरह माफ़ किए जा सकते हैं। जिस के जवाब में वज़ीर-ए-ज़राअत पी पिला राव ने कहा कि बैंक्स इस ज़िमन में मतलूबा मालूमात की फ़राहमी के अमल में मसरूफ़ हैं जिस के बाद ही कर्ज़ों की माफ़ी के लिए दरकार रक़म की सही तफ़सीलात का इलम होगा।