मुस्लिम यूनाईटेड फ्रंट के चैरमैन हबीब उलरहमन ने आंध्र प्रदेश के चीफ़ मिनिस्टर एन चंद्रबाबू नायडू से अपनी काबीना में एक मुस्लिम को शामिल करने का मुतालिबा किया।
उन्होंने कहा कि वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी ने अगरचे अपनी काबीना में दो मुसलमानों को शामिल किया है जबकि आंध्र प्रदेश के चीफ़ मिनिस्टर ने जो ख़ुद को मुसलमानों का दोस्त ज़ाहिर करते हैं अपनी काबीना में किसी भी मुस्लिम क़ाइद को शामिल नहीं किया है।
हिंदुस्तान के पहले वज़ीर-ए-ताअलीम मौलाना अब्बू उल-कलाम आज़ाद के यौम-ए-पैदाइश तक़ारीब के ज़िमन में मुनाक़िदा नौजवानों की एक तक़रीब से ख़िताब करते हुए हबीब उलरहमन ने कहा कि हुकूमत आंध्र प्रदेश को चाहीए कि वो मुख़्तलिफ़ तालीमी इदारों में ज़ेर-ए-तालीम मुस्लिम तलबा के लिए स्कालरशिपस की इजराई के लिए आलामीया जारी करे।
उन्होंने इल्ज़ाम आइद किया कि पसमांदा तबक़ात, दर्ज फ़हरिस्त ज़ातों और क़बाईल से ताल्लुक़ रखने वाले तलबा-ए-के स्कालरशिपस की इजराई के लिए आलामीया जात जारी किए गए हैं लेकिन हुकूमत आंध्र प्रदेश ने मुस्लिम तलबा को नजरअंदाज़ कर दिया है।
हबीब उलरहमन ने हुकूमत आंध्र प्रदेश से ख़ाहिश की के वो इस रियासत में तिब्ब यूनानी की तहक़ीक़ के लिए मर्कज़ी इदारा क़ायम करे। मर्कज़ी हुकूमत के तआवुन से रियासत में कम से कम दो यूनानी कॉलेजस क़ायम किए जाएं।
उन्होंने बिलख़सूस विजयवाड़ा में एक यूनानी तिब्बी कॉलेज और यूनानी दवाख़ाना के क़ियाम का मुतालिबा भी किया। उन्होंने कहा कि हुकूमत आंध्र प्रदेश को चाहीए कि इस रियासत में एक अक़लियती कमीशन और रियासती वक़्फ़ बोर्ड भी तशकील दिया जाये।