आंध्र प्रदेश की तक़सीम का जायज़ा लेने के मक़सद से क़ायम करदा वज़ारती ग्रुप दस्तूर की दफ़ा 371-D के तहत दोनों रियासतों को ख़ुसूसी मौक़िफ़ की सिफ़ारिश करसकता है और राइलसीमा के दो अज़ला को तेलंगाना में शामिल करने की तजवीज़ का भी जायज़ा लेगा।
वज़ारती ग्रुप इमकान हैके आंध्र प्रदेश तंज़ीम जदीद बिल के मुसव्वदा की तजवीज़ को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना बिल के नाम से पेश करेगा।
इस तरह दस्तूर में तरमीम की ज़रूरत नहीं होगी लेकिन दोनों रियासतों को ख़ुसूसी मौक़िफ़ भी हासिल रहेगा सरकारी ज़राए ने आज ये बात बताई।
दस्तूर की दफ़ा 371-D को 1973 में दसवीं तरमीम के ज़रीये शामिल किया गया है इस के ज़रीये सदर जमहूरीया को ये इख़तियार हासिल है कि वो रियासत के मुख़्तलिफ़ हिस्सों से ताल्लुक़ रखने वाले अवाम को मुसावी मवाक़े फ़राहम करने के मक़सद से वक़फे वक़फे से अहकामात जारी करसकते हैं।
इस का मक़सद रियासत के पसमांदा इलाक़ों की तेज़ रफ़्तार तरक़्क़ी के लिए यकसाँ मौक़िफ़ इख़तियार करना है। बताया जाता हैके वज़ारती ग्रुप ने तेलंगाना की सरहदों के अज़ सरनू ताय्युन और राइलसीमा के दो अज़ला करनूल और अनंतपुर को तेलंगाना का हिस्सा बनाने की तजवीज़ का जायज़ा लिया है।