आंध्र प्रदेश की तक़सीम से दोनों रियासतों में मआशी इन्क़िलाब आएगा

आंध्र प्रदेश की तक़सीम से दोनों रियास्तों तेलंगाना और आंध्र में मआशी और तिजारती सरगर्मीयों में ज़बरदस्त इज़ाफ़ा होगा।

दोनों रियासतों के दरमयान वसाइल की तक़सीम का मसला जल्द से जल्द हल किया जाना चाहीए। आंध्र के लिए नए दारुल हुकूमत का भी जल्द एलान किया जाये। सनअती घरानों और बैंक ओहदेदारों ने ये इज़हारे ख़्याल किया।

स्टेट बैंक आफ़ इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर के कृष्णा कुमार ने कहा कि किसी भी रियासत की तक़सीम के मक़ासिद से दोनों इलाक़ों में पैदावार को फ़रोग़ मिलेगा।

ये दोनों रियासतें जब बाक़ायदा काम करना शुरू करदेंगी तो इस में तरक़्क़ी के कई मवाक़े फ़राहम होंगे, बैंकिंग और मआशी सरगर्मीयों में इज़ाफ़ा होगा।

इस तरह की तक़सीम के मक़ासिद बिलाशुबा कामयाब होंगे। रियासतों की तक़सीम स्टेट बैंक आफ़ इंडिया के लिए नई बात नहीं है क्युंकि बिहार, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में तक़सीम का अमल होचुका है।

हमारे दफ़ातिर वहां पर भी काम कररहे हैं और हमारा कारोबार इन रियासतों में जारी है। आंध्र प्रदेश में जारी मुवाफ़िक़ और मुख़ालिफ़ तेलंगाना एहतेजाज से मुताल्लिक़ उन्होंने कहा कि इस एहतेजाज से बैंकिंग कारोबार को कुछ असर ज़रूर पड़ा है।

कॉन्फ़ेडरेशन आफ़ इंडियन इंडस्ट्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश री आर्गेनाईज़ेशन बिल की मंज़ूरी से एक देरीना मसला हल होगया। इस के बाद कई मसाइल हल तलब हैं।

चैरमैन सी आई आई ए पी बी अशोक रेड्डी ने ताहम इस बात की निशानदेही की के तेलंगाना और सीमांध्र के दरमयान पानी और बर्क़ी की तक़सीम, रियासती हुकूमतों की पालिसीयां और टैक्स फ़वाइद का फ़ैसला होना बाक़ी है।

सब से अहम हिस्सा हैदराबाद है जिसे दस साल तक दोनों रियासतों का मुशतर्का दारुल हुकूमत बनाया गया है। इस मुद्दत के दौरान सीमांध्र का दारुल हुकूमत कौनसा होगा ये भी राइलसीमा और आंध्र के अवाम के दरमयान तनाज़ा बनेगा।

जब नई रियासत बनेगी तो मुख़्तलिफ़ सनअतों की भी तक़सीमे अमल में आएगी और ये दस्तयाब वसाइल पर मबनी होगी। फेडरेशन आफ़ आंध्र प्रदेश चैंबर आफ़ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्रीज़ ने कहा कि तेलंगाना के मसले पर सियासी हालात का सनअती माहौल पर असर पड़ा है लेकिन अब इस में बेहतरी आने की तवक़्क़ो है। तेलंगाना के क़ियाम के बाद दोनों रियासतों की नई हुकूमतों की तशकील होगी और उनकी सनअती पालिसी तरक़्क़ी का बाइस बनेगी।