आंध्र प्रदेश में हर इलेक्शन में नई जमातों का क़ियाम

आंध्र प्रदेश में 2004 के बाद से हर आम चुनाव में कोई ना कोई नई सियासी जमाअतें मैदान में उतरती हैं। 2004 में तेलंगाना राष़्ट्रा समीति सामने आई थी और 2009 में प्रजा राज्यम ने मुक़ाबला किया था और अब 2014 में वाई एस आर कांग्रेस पार्टी मुक़ाबला कर रही है।

इस के अलावा साबिक़ चीफ मिनिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी की नई जमात भी मुक़ाबला करसकती है जिस के नाम का अभी एलान नहीं किया गया है।

सियासी क़ाइदीन की तरफ से अपने सियासी अज़ाइम की तकमील के लिए जमाअतें क़ायम की जाती हैं और चुनाव मुक़ाबले किए जाते हैं हालाँकि बाज़ जमातों के साथ ज़मीनी हक़ायक़ क़दरे मुख़्तलिफ़ होते हैं।

तेलंगाना राष़्ट्रा समीति को एक तहरीक के तौर पर 2001 में शुरू किया गया था ताकि तेलंगाना के लिए अलाहिदा रियासत का दर्जा हासिल किया जा सके। 2004 में इस पार्टी ने सियासी जमात की तरह चुनाव में मुक़ाबिला क्या। ये जमात सिर्फ़ तेलंगाना तक महिदूद थी और इस का सियासी उरूज-ओ-ज़वाल नशेब-ओ-फ़राज़ का शिकार रहा है। अब जबकि तेलंगाना रियासत की तशकील अमल में आ रही है तेलंगाना राष़्ट्रा समीति एक मुकम्मिल जमात बन चुकी है और उसे उम्मीद हैके इस बार उसे अच्छी कामयाबी मिलेगी।

तेलुगु फ़लमों के मेगा स्टार के चिरंजीवी ने 2008 में अपनी नई सियासी जमात प्रजा राज्यम क़ायम की जिस का मक़सद निज़ाम में तबदीली लाना था। पी आर पी जो कुछ चाहती थी वो उसे चुनाव में हासिल नहीं होसका था ताहम उसकी वजह से तेलुगु देशम को शिकस्त का सामना करना पड़ा था।

चार साल से भी कम वक़्त में प्रजा राज्यम पार्टी ने ख़ुद को कांग्रेस में ज़म करलिया। 2009 के चुनाव में लोक सत्ता ने भी मुक़ाबला किया था ताहम उसे सिर्फ़ इस के सदर एन जय प्रकाश नारायण की कामयाबी पर ही इकतिफ़ा करना पड़ा था।

पार्टी इस्लाह पसंदी के एजंडे के साथ मैदान में आई थी। वाई एस आर कांग्रेस पार्टी तीन साल पहले क़ायम की गई जब साबिक़ चीफ मिनिस्टर राज शेखर रेड्डी के फ़र्ज़ंद वाई एस जगन मोहन रेड्डी को उनके वालिद की मौत पर चीफ मिनिस्टर का ओहदा हासिल करने से रोक दिया गया था।

जगन ने कांग्रेस से अलाहदगी इख़तियार करते हुए वाई एस आर कांग्रेस पार्टी तशकील दी। जगन खुले आम ये कहते हैंके वो इक़तिदार हासिल करना चाहते हैं ताकि अपने वालिद के अधेरे कामों को पूरा किया जा सके।

वाई एस आर कांग्रेस पार्टी इलाक़ाई जमात के तौर पर उभरी थी ताहम तेलंगाना रियासत की शदीद मुख़ालिफ़त की वजह से उसे यहां क़दरे मुख़्तलिफ़ हालात का सामना करना पड़ेगा। टी आर एस ने 2004 के चुनाव में कांग्रेस के साथ मुफ़ाहमत करते हुए मुक़ाबला किया था। इस ने लोक सभा की पाँच और असेंबली की 26 नशिस्तों पर कामयाबी हासिल की थी ताहम जब तक असेंबली की मीआद मुकम्मिल होती इस के अरकाने असेंबली की तादाद निस्फ़ रह गई थी।