पटना 14 मई : पटना हाइकोर्ट ने आइएएस अफसर राजेश कुमार पर सीडीपीओ रश्मि सिंह का जिंसी इस्तेसाल करने मुतल्लिक इल्जामों पर चार हफ्ता में जवाब मांगा है। अदालत ने दरख्वास्त गुजार की दरख्वास्त पर लिये गये फैसले की भी मालूमात मांगी है।
जस्टिस जेएन सिंह के अदालत में पीर को इस मामले की सुनवाई हुई। अदालत ने हुकूमत से कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट विशाखा बनाम राजस्थान हुकूमत मामले में तहकीकात के अमल का ताईन कर चुका है, तो किस सूरत में अब तक दरख्वास्त गुजार के दरख्वास्त पर आयेद अफसर के खिलाफ जाती महकमा कार्रवाई शुरू नहीं की गयी। अदालत ने हुकूमत से यह भी पूछा है कि वह कितने दिनों में ताफ्सिश पूरी कर लेगी।
शिकायत करने वाले को ही कर दिया मुअत्तिल
मामला 2009 का है, जब राजेश कुमार आइसीडीएस में डायरेक्टर के ओहदे पर काम कर रहे थे और शिकायत करने वाला रश्मि सिंह दानापुर की सीडीपीओ थी। रश्मि सिंह के शौहर डॉ अमिताभ इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान आदरे में मुलाजिम हैं। दरख्वास्त गुजार के वकील ने अदालत को बताया कि राजेश सिंह की उन पर बुरी नजर थी और वह ईल हरकत भी करते थे। इसकी शिकायत उन्होंने आला अफसरों को की। कमेटी भी बनी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि, राजेश कुमार ने अपने ओहदे का इस्तेमाल करते हुए उन्हें मुअत्तिल करवा दिया। शौहर की मेडिकल डिग्री की ताफ्सिश करवायी।
बीवी ने भी मढ़े थे इलज़ाम
दरख्वास्त गुज़ार ने अदालत के सामने राजेश कुमार की बीवी की शिकायत का भी तफ्सीलात दिया, जिसमें उन्होंने अपने शौहर पर मनचला होने का इलज़ाम लगाया है। बीवी ने कहा कि वह एक बच्चे की वाल्दा है। इसके बाद भी राजेश कुमार उस पर तलाक का दबाव बना रहे हैं। अदालत को बताया गया कि राजेश कुमार के खेलाफ़ कई ख्वातीन और मुलाज़िमों ने गवाही दी है. गवाहों का कहना था कि डायरेक्टर से बात करने के बाद रश्मि सिंह काफी परेशान थी। शिकायत करने वाला ने आइएएस अधिकारी पर रिश्वत मांगने का भी इलज़ाम लगाया है। कहा, मेरी शिकायत पर कमेटी बनी, पर राजेश सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी। उलटे मेरे ऊपर ही कार्रवाई कर दी गयी।