आइए, हम सब कुरआन और इंसान को समझें-डा. हई

पटना, 10 मार्च: सारे आलम में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली अल्लाह की किताब कुरआन शरीफ सिर्फ मुसलमानो पर ही नहीं बल्कि इंसानों को सही राह दिखाने के लिए आसमान से उतारी गयी। इंसानियत और भाईचारे का पैगाम देने वाली इस किताब को समझें और औरों को समझाने के लिए एतवार की सुबह 9:30 बजे से एक्जीबिशन रोड स्थित अब्दुल हई मस्जिद में ‘जश्न-ए-कुरआन’ का इंइकाद किया गया है।

डा. अहमद अब्दुल हई ने बताया कि इस इंइकाद में सभी मज़हब व कम्युनिटी के लोग मदऊ हैं। ख्वातीन के लिए खास इंतेज़ाम किया गया है।

डा. हई ने बताया कि ‘कुरआन व ‍इंसानी हुकूक’ मौजू पर लेक्चर देने के लिए मौलाना डा. सैयद कलबे सादिक लखनऊ से और ‘कुरआन, साईंस और कायनात’ मौजू पर लेक्चर के लिए सुप्रीम कोर्ट के पसंदीदा एडवोकेट वसी अहमद नुमानी दिल्ली से पटना पहुंच चुके हैं। ‘कुरआन का पैगाम सारी इंसानियत के लिए’ मौजू पर बोलने के लिए उत्तर प्रदेश से इंजीनियर सैयद अब्दुल्लाह तारिक आज सुबह पहुंच जाएंगे। महकमा सेहत के जनरल सेक्रेटरी व्यास जी ‘कुरआन मेरी नजर में’ पर लेक्चर देंगे। डा. अहमद ने बताया कि सदारत अमीर-ए-शरीयत मौलाना सैयद निजामुद्दीन और ऐड्मिनिस्ट्रेशन अबु नसर फारूक करेंगे।

डा. हई ने कहा कि दुनिया को बेहतर बनाने के लिए पड़ोस में रहने वाले अलग-अलग मज़हब व क्म्युनिटी के लोगों को अच्छी तरह एक-दूसरे को समझ कर उसकी इज्जत करना होगा। जश्न-ए-कुरआन में इस पैगाम पर भी बात होगी। साल 1990 में तामीर हई मस्जिद में शुरू से ही कुरआन की तालीम दी जा रही है। दो बार कुरआन मुकम्मल हो चुका है। दस मार्च से कुरआन की तालीम के तीसरे दौर की इफ्तेताह होगी।