आइन्दा तालीमी साल के आग़ाज़ से क़ब्ल कई स्कूल्स का इंज़िमाम

हुकूमते तेलंगाना की जानिब से आइन्दा तालीमी साल के आग़ाज़ से क़ब्ल तलबा की तादाद जिन सरकारी स्कूलों में कम है उन्हें बंद करते हुए करीब तरीन स्कूल में मौजूदा तलबा को मुंतक़िल करने के इक़दामात का आग़ाज़ किया जा रहा है।

माह सितंबर 2014 में हुकूमत की जानिब से जारी कर्दा जी ओ 6 के मुताबिक़ जिन सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 20 से कम और हाई स्कूल में 75 से कम तलबा की तादाद है उन्हें बंद करते हुए करीब के स्कूल में ज़म कर दिया जाएगा।

ओहदेदारों के बामूजिब जारीया तालीमी साल के फ़ौरी बाद इन इक़दामात का आग़ाज़ होने की सूरत में आइन्दा तालीमी साल के आग़ाज़ पर तक़रीबन 4200 स्कूलों को बंद किया जा सकता है।

जहां इंतिहाई कम तादाद में तलबा तालीम हासिल कर रहे हैं। असातिज़ा की मुख़्तलिफ़ तन्ज़ीमों और यूनियनों की जानिब से हुकूमत के इस फैसला की मुख़ालिफ़त की जा रही है लेकिन हुकूमत अपने फैसला पर बरक़रार रहते हुए कम तलबा की तादाद वाले स्कूलों को बंद करने की मंसूबा बंदी में मसरूफ़ है।

उर्दू ज़बान से ताल्लुक़ रखने वाले स्कूल्स के मुताल्लिक़ इन अहकामात में सराहत नहीं है लेकिन किसी भी लिसानी अक़लीयती स्कूल को हुकूमत की जानिब से बंद नहीं किया जा सकता।

उर्दूदां तबक़ा की जानिब से उर्दू स्कूलों के तालीमी म्यार को बेहतर बनाने के इक़दामात के साथ साथ अब उन की हिफ़ाज़त के लिये भी चौकस रहने की ज़रूरत है। हुकूमत को इस मुआमला में संजीदा इक़दामात के ज़रीए उर्दू मीडियम स्कूलों को तादाद के नाम पर निशाना बनाने के बजाय उन्हें बेहतर बनाते हुए तलबा की तादाद में इज़ाफ़ा के लिये बुनियादी सहूलतों की फ़राहमी पर ग़ौर करे।