आइन्दा बरसों में ख़ुराक की क़ीमतों में इज़ाफ़ा होगा: अक़वाम-ए-मुत्तहिदा

रुम । 12 अक्टूबर । ( एजैंसीज़ ) अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के 3 इदारों का कहना है कि ख़ुराक की आलमी सतह पर बढ़ी हुई क़ीमतें अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की 2015-ए-तक दुनिया में भूक से मुतास्सिर अफ़राद की तादाद को निस्फ़ तक घटाने की राह में नुमायां रुकावट बनती जा रही हैं।इटली के शहर रुम से जारी होने वाली मुशतर्का रिपोर्ट में 3 इदारे अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की ख़ुराक और ज़राअत से मुताल्लिक़ तंज़ीम (एफ़ ए ओ), ख़ुराक का आलमी प्रोग्राम (डब्लयू एफ़ पी) और ज़रई तरक़्क़ी का बैन-उल-अक़वामी फ़ंड (आई एफ़ ए डी) ने कहा है कि इस से सूरत-ए-हाल ख़ासी तशवीशनाक होती जा रही है। ये पहली मर्तबा है कि 3 तंज़ीमों ने भूक की आलमी सूरत-ए-हाल पर एक मुशतर्का रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक़ आइन्दा 10बरस में इंतिहा-ए-दर्जा की मौसमी तबदीलीयों की वजह से भी ख़ुराक की क़ीमतें ऊपर नीचे होती रहेंगी। रिपोर्ट के मुताबिक़ अंदेशा है कि ख़ुराक की क़ीमतों में मज़ीद इज़ाफ़ा होगा, जिस से ग़रीब ममालिक के काश्तकारों और सारिफ़ीन को मुश्किलात का सामना होगा, ग़ुर्बत बढ़ेगी और भूक के मुतास्सिरीन में भी इज़ाफ़ा होगा।इस माह के आख़िर तक दुनिया की आबादी 7 अरब तक पहुंच जाएगी और अक़्वाम मुत्तहदा का अंदाज़ा है कि इस आबादी में से तक़रीबन एक अरब अफ़राद भूक का शिकार हैं। आइन्दा 10 साल में ख़ुराक की क़ीमतों में तग़य्युर से बर्र-ए-आज़म अफ़्रीक़ा सब से ज़्यादा मुतास्सिर होगा जहां 2008-ए-की आलमी कसादबाज़ारी से भी सूरत-ए-हाल ख़ासी ख़राब हुई थी। 2008ए- में अफ़्रीक़ा में भूक के शिकार अफ़राद की तादाद में 8 फ़ीसद इज़ाफ़ा हुआ था जबकि एशिया में इन की तादाद में इज़ाफ़ा नहीं हुआ था। रिपोर्ट का कहना है कि इस बिगड़ती हुई सूरत-ए-हाल से अमीर ममालिक अपनी ख़ुराक की मंडीयों का दिफ़ा तिजारती पाबंदीयों, ग़रीबों की इमदाद केलिए क़ायम सरकारी सहूलतों और ख़ुराक के ज़ख़ाइर के ज़रीया कर लेते हैं।