लंदन, 30 जनवरी (पी टी आई) वज़ीर फायनेंस पी चिदम़्बरम ने आज तयक्कुन दिया कि आइन्दा माह का बजट ज़िम्मादाराना रहेगा क्योंकि आम इंतेख़ाबात 15 माह दूर हैं। अपने समुंद्र पार रोड शो जो गुज़शता हफ़्ते शुरू हुए, उनके चौथे मरहला पर यहां आलमी सरमायाकारों से ख़िताब करते हुए चिदम़्बरम ने उन्हें बताया कि हुकूमत चुनाव से क़बल की मुद्दत में कई फैसलों और तब्दीलियों पर अमल दरआमद करेगी।
उन्होंने एतेमाद ज़ाहिर किया कि हिंदूस्तान में बैरूनी सरमाया का बहाओ इन रोड शो के बाद बेहतर होगा जिनसे ज़ाहिर हुआ है कि हिंदूस्तान में ग़ैरमामूली ख़ैरसिगाली है। वज़ीर मौसूफ़ ने एतेमाद ज़ाहिर किया कि हुकूमत वोडाफोन टैक्स तनाज़ा का कोई हल ढूंढ लेगी, ये मसला यहां इंवेस्टर मीटिंग में मौज़ू बना है।
चिदम़्बरम ने कहा कि यहां की मीटिंग के दौरान सरमायाकारों ने सयासी इस्तेहकाम और हुकूमत की अहलियत के ताल्लुक़ के बारे में तहफ़्फुज़ात ज़ाहिर किए कि वो इस्लाहात को किस हद तक आगे ले जा सकेगी। उन्होंने निशानदेही की कि इंतेख़ाबात 2014 में मुक़र्रर हैं और आया हम इंतेख़ाबात से क़बल की मुद्दत में छूट देते हुए कोई ग़लती कर देंगे।
उन्होंने मीटिंग के बाद मीडिया के नुमाइंदों को बताया कि मैंने उन्हें यक़ीन दिलाया कि चुनाव 15 माह दूर हैं और जो बजट फरवरी में पेश किया जाएगा वो ज़िम्मादाराना बजट रहेगा, हम चुनाव से क़बल के कई फैसलों और तब्दीलियों पर अमल आवरी करेंगे। चिदम़्बरम ने कहा कि सरमायाकारों के लिए ये शुबा करने की कोई वजह नहीं कि चुनाव से क़बल की मुद्दत में हम कुछ भी होंगे मगर ज़िम्मेदार नहीं।
वज़ीर फायनेंस ने कहा कि 4 शहरों में रोड शो के बाद हिंदूस्तान के ताल्लुक़ से काफ़ी दिलचस्पी पाई जाती है। हिंदूस्तान के लिए काफ़ी ख़ैरसगाली पाई जाती है, और ये कि हिंदूस्तान को लाज़िमन ऊंची शरह तरक़्क़ी की राह पर वापस होना चाहीए और वो चाहते हैं कि हम दुबारा वो हासिल कर लें जो कुछ हम ने 2004 और 2009 के दरमियान पाया था।
में काफ़ी मुसबत राय रखता हूँ और मैं काफ़ी पुर उम्मीद हूँ। ये इआदा करते हुए कि बैरूनी रास्त सरमाया सेहतमंद तरीका कार है, उन्होंने कहा कि अक्तूबर तक के आदाद-ओ-शुमार से ज़ाहिर होता है कि ये बदस्तूर अच्छी तब्दीली है लेकिन हांगकांग, सिंगापुर , फ्रैंकफर्ट और अब लंदन में इन रोड शो के बाद में समझता हूँ कि एफ डी आई में दिलचस्पी बेहतर होगी और एफ डी आई के बहाव में भी बेहतरी आएगी।
चिदम़्बरम ने कहा कि अगर कोई इन कान्फ्रेंसों में शिरकत करने वाले अफ़राद की तादाद और उनके पूछे गए सवालात को देखे तो ज़ाहिर होता है कि हिंदूस्तान के तय काफ़ी दिलचस्पी और ख़ैरसिगाली पाई जाती है। मेरी पुर ख़ुलूस उम्मीद है कि इन रोड शो से उनके सवालात के जवाब देने में मदद मिली, उनके शुबहात की वज़ाहत हुई और हिंदूस्तान के ताल्लुक़ से दिलचस्पी बढ़ी।
चिदम़्बरम ने कहा कि वो लोग मालियती तक़वियत, बुनियादी मसाइल की यकसूई से मुताल्लिक़ पॉलीसी और रुके हुए प्रॉडक्टों के ताल्लुक़ से ज़्यादा फ़िक्रमंद हैं और ये देखना चाहते हैं कि हम इन रुकावटों को किस तरह दूर करते हुए प्रोजेक्टों का अहया कर पाते हैं।
चिदम़्बरम ने कहा कि यूं तो ज़्यादातर सवालात यही शोबों से मुताल्लिक़ रहे लेकिन मालीयाती शोबे के बारे में इस्तिफ़सारात बुनियादी तौर पर सरमाया पर टैक्स कारी, न्यू इयर कस्टमर क़वाइद और मुताल्लिक़ा मसाइल के बारे में किए गए। इस कान्फ्रेंस में शिरकत करने वालों में एन आर आई , सनअतकार जी पी हिंदू जा और एस पी हिंदूजा और कपारो सी ई ओ अंगद पाल शामिल हैं।