आइन्दा साल इस्लामी ममालिक के असासों में 33 फ़ीसद इज़ाफ़ा मुतवक़्क़े

मनामा २३ नवंबर ( एजैंसीज़) एर्न्स्ट ऐंड यंग कन्सलटैंट की एक रिपोर्ट में आज कहा गया कि अरब इन्क़िलाब में पेशरफ़त के बाद और आलमी क़र्ज़ बोहरान के पेशे नज़र रिवायती सरमाया कारी पर अदमे इअतिमाद के बाइस 2012 -ए-के इख़तताम तक दुनिया भर में इस्लामी सरमाया असासा जात में 2010 -ए-की सतहों के मुक़ाबिल तक़रीबन 33 फ़ीसद इज़ाफ़ा होगा और ये 1.1 टरीलीन डॉलर्स तक पहुंच जाएंगी।

रिपोर्ट में पेश क़ियासी की गई कि मशरिक़ वुसता और शुमाली अफ़्रीक़ा में फ़रोग़ ख़ासकर ताक़तवर ही असासा जात में इज़ाफ़ा 2015 -ए-तक 990 बिलीयन डॉलर्स तक पहुंच जाने की तवक़्क़ो है जबकि 2010 -ए-में 416 बिलीयन डॉलर्स का इज़ाफ़ा हुआ था चूँकि नए ममालिक इस्लामिक फ़ीनानस को खोल रहे हैं। मिसाल के तौर पर मिस्र इस्लामी सकोक जारी करने के इमकानात ज़ाहिर कररहा है जबकि तीवनस और लीबिया ने जारीया साल हुकूमतों में तबदीली के बाद इशारा दिया है कि ताबे शरईह बैंकिंग निज़ाम उन के इक़तिसादी निज़ामों में एक अहम रोल अदा करेंगे ।

एर्न्स्ट ऐंड यंग के इस्लामिक फ़ीनानशील सरवेसस लीडर मिस्टर अशर नाज़िम ने कहा कि अरब इन्क़िलाब के बाद हम ने पाया कि MENA मार्किट में एक तबदीली आई है और कई ममालिक ऐलान कररहे हैं कि वो एक जामि इस्लामी मालीयाती निज़ाम पर ग़ौर करेंगी।

उन्होंने कहा कि इस्लामी मालीयाती निज़ाम दौलत की निहायत ही मुसावी तक़सीम करता है और इज़ाफ़ी कर्ज़ों को रोकता है।