आईआआईटीज में UG से ज्यादा PG करने वाले स्टूडेंट्स

मुंबई : बीते आधे दशक में आईआआईटीज ने सिर्फ अंडरग्रैजुएट्स छात्रों के अध्ययन स्थल की अपनी छवि को बदला है। अब यहां अंडरग्रैजुएट्स से ज्यादा पोस्ट ग्रैजुएट्स (पीजी) स्टूडेंट्स अध्ययन कर रहे हैं। 2015 में देश के सात पुराने आईआईटीज से कुल 6,002 अंडरग्रैजुएट स्टूडेंट्स, 6,168 मास्टर्स स्टूडेंट्स और 1,902 पीएचडी स्टूडेंट्स ने अपना कोर्स पूरा किया।

ऐकडेमिक के साथ-साथ रिसर्च की बेहतर सुविधा और अन्य बुनियादी सुविधाओं के कारण आईआईटीज छात्रों की पहली पसंद बन रहे हैं। अनिल काकोदकर की हालिया आईआईटी समीक्षा रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, ‘आईआईटीज ने अपनी बीटेक डिग्रियों की क्वॉलिटी के लिए अपनी खास पहचान बनाई है। आईआईटी की ब्रैंड इमेज मुख्य रूप से यहां के बीटेक छात्रों के विशिष्ट प्रदर्शन के कारण है।’

पश्चिमी देशों में वर्क वीजा पर अंकुश लगाया जाना, ग्लोबन इकॉनमी में नरमी और देश के अंदर स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलने जैसे कारणों ने भी अहम भूमिका निभाई है। छात्रों को अपने देश में ही सारी सुविधा मिल रही है, इसलिए अब वे विदेश की ओर कम आकर्षित हो रहे हैं।

आईआईटी गुवाहाटी के डायरेक्टर गौतम बिस्वास का कहना है कि आईआईटीज कैंपस में रहने-सहने और खाने-पीने की बेहतर सुविधा के कारण अध्ययन के लिए यह आदर्श स्थान बन गए हैं।

आईआईटी दिल्ली के रजिस्ट्रार संदीप चटर्जी ने बताया, ‘अब कई आईआईटी स्टूडेंट्स आईआईटी दिल्ली से पीजी या रिसर्च करने को तरजीह देते हैं। इसी तरह एनआईटीआईआईएसईआर और अन्य उच्चतर इंजिनियरिंग संस्थानों के छात्र भी आईआईटी दिल्ली से पीजी या रिसर्च करने को प्राथमिकता देते हैं। इसका मुख्य कारण संस्थान की हाई रैंक, शैक्षणिक सुविधा और रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट लैब्स, उपकरण, प्रॉजेक्ट्स आदि की मौजूद होना भी है।