आईटी सेक्टर हुआ धीमा, भारतीय कंपनियां बड़ी मात्रा मे छंटनी करने के लिए तैयार

बेंगलूरू / चेन्नई: बड़ी आईटी सेवा कंपनियां अपने कर्मचारियों को बड़ी संख्या मे नौकरियों से निकलने के लिए तैयार हैं। 2008-10 की गिरावट के बाद इतनी बड़ी संख्या मे कर्मचारियों की छटनी अब तक देखी नहीं गयी है। इस प्रयास मे सबसे पहले मध्य और वरिष्ठ स्तर के कर्मचारियों को नौकरियों से निकाला जायेगा जो 10 से 20 साल के अनुभवी हैं, लेकिन अपेक्षित है कि निचले स्तर के कर्मचारियों की भी छटनी एक वर्ष के बाद शुरू हो जाएगी । इसका कारण है की 150 अरब डॉलर के इस उद्योग की वृद्धि मे कमी आ रही है और कंपनियों ने अमेरिका मे लोगो को नौकरियां देना शुरू कर दिया है। स्थिति उस स्तर पर पहुँच चुकी है जहाँ प्रभावित कर्मचारियों को मजदूर संघों के पास उनकी तकलीफे लेकर जाना पड़ रहा है ।

‘कॉग्निजेंट’ ने पिछले हफ्ते निदेशक, सहयोगी वीपी और वरिष्ठ वीपी के लिए एक स्वैच्छिक पृथक्करण कार्यक्रम ( वोलंटरी सेपरेशन प्रोग्राम) की घोषणा की जिसके माध्यम से करीब 1,000 अधिकारियों के जाने की उम्मीद है। कंपनी जो उद्योग में शीर्ष कलाकारों में से एक है,अपेक्षित है की कम से कम 6,000 नौकरियों को काम करेगी या अपने कुल कर्मचारियों के बेस मे 2.3% से कटौती करेगी। पिछले गुरुवार, 10 कॉग्निजेंट कर्मचारियों ने  ‘आईटी कर्मचारियों के लिए बने फोरम’ के माध्यम से ‘श्रमिक सहायक आयुक्त’ के पास एक याचिका दायर की जिसमें कहा गया था कि उन्हें स्वैच्छिक इस्तीफा पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

‘इंफोसिस’ में नौकरी स्तर 6 और उससे ऊपर (समूह प्रोजेक्ट मैनेजर, प्रोजेक्ट मैनेजर, सीनियर आर्किटेक्ट्स और उच्च स्तर) में करीब 1,000 कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने के लिए कहे जाने की उम्मीद है।

फ्रांसीसी आईटी कंपनी ‘कैपजीमिनी’ ने करीब नौ हजार लोगों या अपने कर्मचारियों के लगभग 5% हिस्से को नौकरी से निकलने का फैसला किया है। इसका एक बड़ा हिस्सा ‘इग्टेट’ के पूर्ववर्ती कर्मचारी का है, जो 2015 में ‘कैपजीमिनी’ के साथ शामिल हुए थे। ‘कैपजीमिनी’ ने 35 वीपी, एसवीपी, डायरेक्टर और सीनियर डायरेक्टरों को फरवरी में इस्तीफा देने के लिए कहा था और मुंबई में एक कार्यालय में कार्य करने वाले 200 लोगों को जाने के लिए भी कहा था।

आईटी कंपनियों में मंदी अब स्पष्ट है। ‘कॉग्निजेंट’, जो लगभग 20% से बढ़ रही थी उसके इस वर्ष केवल 8-10% बढ़ने की उम्मीद है। ‘इनफ़ोसिस’ जो 2015-16 में निरंतर मुद्रा में 13.3% से बढ़ी रही थी वह पिछले वित्त वर्ष में घटकर 8.3% रह गई थी और आपेक्षित है कि इस साल केवल 6.5% – 8.5% के बीच विकास करेगी ।