हैदराबाद।01 जनवरी: जनाब ज़ाहिद अली ख़ां रुकन पोलीट ब्यूरो तेलुगु देशम पार्टी ने नई दिल्ली में पेश आए ग़ैर इंसानी वाक़िये के मुल्ज़िमीन को सज़ा दिलाने के लिए मर्कज़ी हुकूमत और मुल्क भर की सयासी जमातों और समाजी तंज़ीमों की तरफ से उठने वाली आवाज़ों का खैरमक़दम किया।
उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में लड़की के साथ वहशियाना सुलूक के ज़िम्मेदारों को जिस क़दर भी सख़्त सज़ा दी जाये कम है और हिन्दुस्तान का कोई भी शहरी ख़ातियों की ताईद नहीं करसकता, लेकिन साथ ही साथ मर्कज़ी और आंध्र प्रदेश हुकूमत को विजयवाड़ा की उस मज़लूम लड़की के ख़ानदान को इंसाफ़ दिलाने पर भी तवज्जा मर्कूज़ करनी चाहीए जिसे दिसमबर 2008 में इसी तरह की वहशियाना हरकत के बाद क़तल कर दिया गया था।
जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने कहा कि आईशा मीराँ नामी अक़ल्लीयती तबक़ा से ताल्लुक़ रखने वाली तालिबा को एक बाअसर सयासी घराने से ताल्लुक़ रखने वाले नौजवान और इस के साथीयों ने अपनी हवस का शिकार बनाकर क़तल कर दिया था और उस वक़्त की हुकूमत ने ख़ातियों को सज़ा देने के बजाय उन का तहफ़्फ़ुज़ किया था।
बाअज़ ग़ैर सरकारी तंज़ीमों ने आईशा मीराँ के ख़ानदान को इंसाफ़ दिलाने और ख़ातियों को कठहरे में खड़ा करने के लिए जद्द-ओ-जहद की लेकिन उस वक़्त की हुकूमत ने कोई कार्रवाई नहीं की। तेलगुदेशम पार्टी ने भी आईशा मीराँ के ख़ानदान को इंसाफ़ दिलाने के लिए असेंबली और इस के बाहर आवाज़ उठाई लेकिन क़ानून के रखवालों ने ख़ातियों को सज़ा देने के बजाय इस केस को कमज़ोर कर दिया और बाअज़ फ़र्ज़ी अफ़राद को इस केस में मुलव्वस करते हुए हक़ीक़ी ख़ातियों को बचा लिया गया।
आज भी आईशा मीराँ के अफ़राद ख़ानदान इंसाफ़ के मुंतज़िर हैं जबके ख़ाती खुले आम घूम रहे हैं। जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने कहा कि नई दिल्ली में पेश आए वाक़िये पर सारे हिन्दुस्तान में एहतिजाज किया गया और तमाम न्यूज़ चैनल्स और अख़बारात ने उस लड़की को इंसाफ़ दिलाने की जद्द-ओ-जहद की।
लाखों अफ़राद मुल्क में सड़कों पर निकल आए और हुकूमत के ख़िलाफ़ मुज़ाहरह किया। काश इसी तरह का मुआमला आईशा मीराँ के साथ भी किया जाता। किया ही बेहतर होता कि मीडीया और समाजी तंज़ीमें, सयासी जमातें और हुकूमत आईशा मीराँ और उन के अफ़राद ख़ानदान को इंसाफ़ दिलाने के लिए एक आवाज़ होकर मैदान में आते चूँकि आईशा मीराँ का ताल्लुक़ अक़ल्लीयती तबक़ा से है लिहाज़ा इस मुआमले को आसानी से दबा दिया गया।
जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने कहा कि अवाम के दबाव के आगे मर्कज़ और दिल्ली की हुकूमत को झुकना पड़ा और लड़की को ईलाज के लिए सिंगापुर मुंतक़िल किया गया फिर भी उस की जान नहीं बचाई जा सकी।
अवामी एहतिजाज के सबब हुकूमत पर दबाव का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि लड़की की लाश जब हिन्दुस्तान मुंतक़िल की गई तो वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह और यू पी ए की सदर नशीन सोनीया गांधी लाश हासिल करने के लिए तेरा निगाह पर ख़ुद मौजूद थे।
ये हुकूमत की हमदर्दी का इज़हार नहीं बल्के मीडीया और सोश्यल नैटवर्क की अवाम में शऊर बेदारी के ख़ौफ़ का नतीजा था। मर्कज़ ने मुतास्सिरह लड़की के अफ़राद ख़ानदान के लिए 15 लाख रुपये और मुलाज़मत का एलान किया है जबके उत्तरप्रदेश की हुकूमत ने 20 लाख रुपये के मुआवज़ा का एलान किया।
इस के बरख़िलाफ़ आईशा मीराँ के ग़रीब ख़ानदान के लिए हुकूमत ने आज तक किसी इमदाद का एलान नहीं किया। जिस हुकूमत ने इन्साफ़ रसानी की कोशिश नहीं की इस से इमदाद की उम्मीद कैसे की जा सकती है।
जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने कहा कि नई दिल्ली में पेश आए वाक़िये की संगीनी से इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन आईशा मीराँ वाक़िये में भी इसी तरह की संगीनी थी लेकिन एहतिजाज और इंसाफ़ दिलाने में यकसानियत का मुआमला नहीं कियागया।
हुकूमत, समाजी तंज़ीमों, मीडीया और ख़वातीन के हुक़ूक़ से मुताल्लिक़ तंज़ीमों ने भी आईशा मीराँ के साथ इंसाफ़ नहीं किया बल्के इस मुआमले में अपनी जांबदारी का सबूत दिया है।
जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने मर्कज़ी हुकूमत से मुतालिबा किया कि अगर वमलक की ख़वातीन और लड़कीयों की इस्मत से खिलवाड़ करने वालों को सज़ा दिलाने में संजीदा है तो उसे चाहीए कि वो दिल्ली के वाक़िये के साथ साथ आईशा मीराँ वाक़िये के ख़ातियों के साथ भी वही मुआमला करे और उन्हें भी सख़्त से सख़्त सज़ा दी जाये, उसी वक़्त समझा जाएगा कि मर्कज़ी हुकूमत तमाम तबक़ात को इंसाफ़ की फ़राहमी में ग़ैर जांबदार है।
मर्कज़ को चाहीए कि वो रियास्ती हुकूमत को हिदायत दे कि आईशा मीराँ मुआमले की अज़ सर-ए-नौ तहक़ीक़ात का आग़ाज़ करते हुए ख़ातियों को गिरफ़्तार करे और ग़रीब ख़ानदान के लिए रोज़गार के साथ इमदाद का एलान करे।
जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने कहा कि दिल्ली के वाक़िये पर क़ौमी मीडीया ने जिस तरह के रद्द-ए-अमल का इज़हार किया है काश इसी तरह का रद्द-ए-अमल गुजरात के फ़सादाद के मौके पर अक़ल्लीयती ख़वातीन-ओ-लड़कीयों के साथ किए गए सुलूक पर भी किया जाता।
बी जे पी और इस के क़ाइदीन आज दिल्ली वाक़िये के ख़ातियों को फांसी दिए जाने की मांग कररहे हैं। उन्हें गुजरात में अक़ल्लीयती ख़वातीन की स्मतों से खिलवाड़ करने वालों के साथ इसी तरह के सुलूक का मुतालिबा करना चाहीए।