आई एन एस विक्रांत को बचाने बी जे पी की फ़ंड मुहिम

तय्यारा बर्दार जंगी बहरी जहाज़ आई एन एस विक्रांत जो अब गैरकारकर्द होचुका है और हुकूमत इस बात की ख़ाहिश‌ है कि इस जहाज़ को नीलामी करदी जाये, नीलामी के ज़रिया भी करोड़ों रुपये हासिल होते हैं। जहाज़ को तोड़ फोड़ के लिए मुंबई में कई ख़ुश्क बंदरगाहें (Dry Docks) भी मौजूद हैं लेकिन बी जे पी और आर पी आई अरकान नहीं चाहते कि आई एन एस विक्रांत की नीलामी हो।

उन्होंने आज शहर के कई इलाक़ों में एहितजाजी मुज़ाहिरे किए और विक्रांत के मेंटेंन्स के लिए रक़ूमात भी जमा की। इस मौक़ा पर बी जे पी क़ाइद क्रीत सौमय्या ने अख़बारी नुमाइंदों से बात करते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि कांग्रेस की क़ियादत वाली हुकूमत आई एन एस विक्रांत की हिफ़ाज़त करे।

वज़ीर-ए-आला पृथ्वी राज चौहान का कहना है कि हुकूमत के पास मज़कूरा जहाज़ के मेंटेंन्स के लिए फंड्स नहीं हैं और जहाज़ पर जो अक्खाना शुरू करना चाहती है। उन्होंने कहा कि अगर हुकूमत के पास फंड्स नहीं हैं तो हम इस के मेंटेंन्स के लिए फंड्स जमा करने तय्यार हैं। अफ़सोस की बात ये है कि हुकूमत हज़ारों करोड़ रुपये की बद उनवानियों में मुलव्वस है लेकिन एक ऐसा जंगी जहाज़ जिस पर मुल्क और मुल्क की अवाम को फ़ख़र् होना चाहिए, के मेंटेंन्स के लिए सिर्फ़ 140 करोड़ रुपये नहीं हैं।

सौमय्या ने अपने पार्टी वर्कर्स के साथ चर्चगेट स्टेशन पर फंड्स जमा किया और कहा कि ये रक़म गवर्नर महाराष्ट्रा के शंकर नारायण के हवाले करदी जाएगी। क्रीत सौमय्या ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि वो गवर्नर से ये भी पूछेंगे कि विक्रांत के मेंटेंन्स के लिए हुकूमत को और कितना फ़ंड दरकार है। दूसरी तरफ़ राम दास अथावले की पार्टी आर पी आई के अरकान ने भी एहितजाजी मुज़ाहिरे करते हुए छत्रपति शेवा जी टर्मिनस ( वे टी ) स्टेशन पर रक़ूमात जमा की।

आर पी आई वर्कर्स ने भी विक्रांत के मेंटेंन्स पर हुकूमत की नाअहली की मुज़म्मत की जिस ने 1971 की जंग में एक अहम रोल अदा किया था। यही नहीं बल्कि मुंबई बलदिया ने भी जहां शिवसेना। बी जे पी मख़लूत तौर पर बरसर-ए-इक़तिदार है , आई एन एस विक्रांत को बचाने केलिए अपनी दिलचस्पी दिखाई है। बलदिया की कमेटी के सदर नशीन राहुल शेवाले ने म़्यूनिसिपल कमिशनर सीताराम कुंटे को मकतूब तहरीर करते हुए दर्ख़ास्त की है कि वो आइन्दा साल से बलदिया के बजट में आई एन एस विक्रांत के मेंटेंन्स के लिए भी गुंजाइश फ़राहम करें।