आई एम एफ़ की क़िस्त अदा ना करने पर यूनान नादहिंदा क़रार

युनन बैनुल अक़वामी मालीयाती इदारे “आई एम एफ़” को 1.8 अरब डॉलर क़र्ज़ की अदायगी करने में नाकाम रहने वाला मुल्क यूनान बाज़ाबता तौर पर नादहिंदा हो गया है। ये पहला तरक़्क़ी याफ़्ता मुल्क है जो अपने ज़िम्मे वाजिबुल अदा क़र्ज़ की क़िस्त वापिस नहीं कर सका।

यूरोपीय मुल्कों के वुज़राए ख़ज़ाना ने मंगल को फ़ैसला किया था कि वो यूनान को माली बोहरान से बचाने के लिए उस के माली प्रोग्राम में तौसीअ करें और इस के लिए बुध को मज़ीद बातचीत होगी। लेकिन हॉलैंड के वज़ीरे ख़ज़ाना यरोन डीसीलबलोम का कहना है कि “इस प्रोग्राम में तौसीअ पागलपन होगा।”