नई दिल्ली 21 अक्टूबर ( पी टी आई) सुप्रीम कोर्ट ने सीनीयर आई ए ऐस ओहदेदार प्रदीप शर्मा की दरख़ास्त ज़मानत पर नरेंद्र मोदी हुकूमत को नोटिस जारी की ही। शर्मा चीफ़ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी की जानिब से मुबय्यना तौर पर हुर्रा सानी का शिकार हुए हैं। इन के ख़िलाफ़ मुख़्तलिफ़ फ़ौजदारी मुक़द्दमात दायर करके उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया गया ही। जस्टिस आफ़ताब आलम की ज़ेर क़ियादत बंच ने शर्मा की दरख़ास्त ज़मानत को समाअत के लिए क़बूल करलिया लेकिन उन्हें उबूरी देने से इनकार किया। दीवाली के तहवार के दौरान वो अपने अरकान ख़ानदान के साथ शामिल होना चाहते थी। प्रदीप शर्मा गुज़श्ता 16 माह से जेल में हैं। इन पर ज़िला कुच मैं ख़ानगी फर्म्स मैं अराज़ी अलाटमैंट के लिए मुबय्यना बे क़ाईदगियों का इल्ज़ाम ही। गुजरात हाईकोर्ट ने उन की दरख़ास्त ज़मानत मुस्तर्द करदी थी। इसी लिए वो सुप्रीम कोर्ट से रुजू हुए हैं। 1984ए- बीच के आई ए ऐस ओहदेदार ने इल्ज़ाम आइद किया कि नरेंद्र मोदी हुकूमत उन्हें निशाना बना रही है क्यों कि इन के छोटे भाई सीनीयर आई पी ऐस ओहदेदार कुलदीप शर्मा ने गोधरा फ़सादाद में मोदी के मुलव्वस होने को बेनकाब किया ही.