हैदराबाद । 29 । नवंबर : ( यू एन आई ) : हिंदूस्तानी सहाफ़ी यूनीयन ( आई जे यू ) ने मुल्क में मीडीया की सूरत-ए-हाल का मुतालिबा करने के लिए एक मीडीया कमीशन क़ायम करने के लिए मर्कज़ी हुकूमत से अपील की । आई जेयू ने अपने इजलास में इस हवाले से क़रारदाद पास करते हुए कहा कि श्रमजीवी सहाफ़ी क़ानून 1955 के बावजूद मीडीया में आज भी सहाफ़ीयों के काम काज के तरीक़ों और ख़िदमात के ज़ाबते बाक़ायदा काबुल अमल नहीं हैं ।
कमीशन को अपनी रिपोर्ट में मीडीया में हिस्सा दारों के रोल कुव्वते करने के लिए क़ानूनी कार्रवाई और दीगर फ़ौरी इक़दाम के बारे में अपनी सिफारिशें पेश करनी चाहीए । दरीं असना आई जेयू ने सहाफ़ीयों के क़तल के मुआमलों की जांच में तेज़ी लाने और उन के लवाहिक़ीन को मुनासिब मुआवज़ा देने की अपील की । आई जेयू ने दावा किया कि हिंदूस्तान में 1952 से 47 सहाफ़ीयों का क़तल हुआ है और जांच एजैंसीयां सहाफ़ीयों के क़तल के 10 में से 9 की माक़ूल जांच नहीं करपाई है ।