आई पी एस कैडर में इंतेख़ाब के लिए टेस्ट की मुख़ालिफ़त

उत्तर प्रदेश में सुबाई पुलिस सर्विस एसोसीएसन (पी पी एस ए) के आफ़िसरान मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला पी चिदम़्बरम की इस तजवीज़ के ख़िलाफ़ खड़े हो गए हैं कि इंडियन पुलिस सर्विस (आई पी एस) की ख़ाली आसामीयां दिफ़ा, नियम फ़ौजी और सिवल फ़ोर्सेस के मौजूदा गजेटेड आफ़िसरान का इम्तेहान लेकर की जाएं।

दिलचस्प बात ये है कि यूपी हुकूमत दो दर्जन दीगर रियास्तों के साथ इस फार्मूला को मुस्तर्द कर चुकी है । रियास्तों के इलावा मर्कज़ी नियम फ़ौजी दस्तों ने भी दावे किया है कि ये नाक़ाबिल अमल है और इससे मौजूदा अमला के हौसला पर बुरा असर पड़ेगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल शाय हुई आई पी एस कैडर की रिपोर्ट के मुताबिक़ मुल्क में आई पी उसकी 4000 में से 600 असामीयां ख़ाली पड़ी हैं। जब उत्तर प्रदेश समेत कई रियास्तों के कैडर का जायज़ा लिया गया तो इसमें मज़ीद इज़ाफ़ा हो गया और अब मुल्क में तक़रीबन एक हज़ार आई पी एस आफ़िसरान की कमी है।