नई दिल्लीः हिंदुओं की आबादी को लेकर वीएचपी लीडर प्रवीण तोगड़िया इतने फिक्र में हैं कि अब हेल्पलाइन का आइडिया लेकर आए हैं. नासिक कुंभ में तोगड़िया ने ऐसे जोड़ो के लिए हेल्पलाइन बनाने का एलान किया है जिनकी कोई औलाद नहीं है. तोगड़िया मज़हब की बुनियाद पर आबादी के आंकड़े आने के बाद ऐसा कह रहे हैं.
प्रवीण तोगड़िया की नीयत यहां तक तो ठीक है कि बेऔलाद की मदद की जाए . लेकिन हिंदू खानदान की मदद के लिए जो वजह बता रहे हैं उसी को लेकर तनाज़ा है तोगड़िया का दावा है कि मुस्लिम मआशरे की आबादी में 24 फीसद का इज़ाफा हुआ है जबकि हिन्दू की आबादी में इज़ाफा 7.50 फीसद है.
इसलिए सभी रियासती हुकूमतों को क़ौमी आबादी की पालिसी बनानी चाहिए . गुजश्ता महीने हुकूमत ने मज़हबी मरदुमशुमारी के आंकड़े जारी किये थे . उसी के बाद से मुस्लिम आबादी को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है .
तोगड़िया जो आंकड़े बता रहे हैं वो हकीकत से दूर हैं..पहले आंकडे देख लीजिए. 2001 से 2011 में हिंदुओं की आबादी 16.8% की दर से बढ़ी तो मुसलमानों की आबादी 24.6% की दर से बढ़ी. यानी तोगड़िया झूठ बोल रहे हैं और दूसरी बात ये कि मुसलमानों की आबादी बढ़ने की रफ्तार धीमी हो रही है.
1981 से मुसलमानों की बढने की दर 32.9% से घटकर 24.6% पर आ गई जबकि हिंदुओं की बढ़ने की रफ्तार 22.8% से घटकर 16.8% पर है.
विश्व हिंदू परिषद ने मुसलमानों की आबादी पर फिक्र ज़ाहिर करते हुए कहा है कि इस मुल्क के सभी तबके Population control में हर तरह से मदद कर रहे हैं लेकिन मुस्लिम मआशरा इसमें मदद करने की बजाए आबादी बढ़ाने को एक मुहिम के तौर पर ले रहा है जो फिक्र के काबिल है.
दरअसल एक भ्रम फैलाया जाता है कि मुसलमानों की आबादी हिंदुओं के बराबर पहुंच जाएगी लेकिन हकीकत ये है कि ऐसा होना नामुम्किन है.अगर इसी दर से आबादी बढ़ती रही तो दोनो की आबादी बराबर होने के लिए हिंदुस्तानी की कुल आबादी कितनी होगी? 13,000 करोड़. जी हां, बढ़ते बढ़ते जब हिंदुस्तान की कुल आबादी 13 हजार करोड़ हो जाएगी, तब जाकर हिंदू मुसलमान बराबर होंगे 6,500 करोड़ और 6,500 करोड़. अगर दोनो अपनी आज की रफ्तार से बढ़ते रहे तो.
और उसके लिए आपको 2281 की मरदुमशुमारी का इंतजार करना होगा. यानी 270 साल बाद.यानी झूठ का बाजार फैलाकर डराने की कोशिश की जा रही है.