आजमगढ़ का सांप्रदायिक तनाव सपा-भाजपा गठजोड़ का मिशन 2017: रिहाई मंच

लखनऊ 16 मई 2016। आजमगढ़ को सांप्रदायिकता की आग में झांककर सपा-भाजपा गठजोड़ ठीक वही षडयंत्र रच रहा है जो उसने मुजफ्फरनगर समेत सैकड़ों सांप्रदायिक तनावों में किया है। ये बातें रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने लाटूश रोड स्थित कार्यालय पर पिछले तीन दिनों से आजमगढ़ के दाऊदपुर, खुदादादपुर, फरिहा समेत पूरे इलाके में बने सांप्रदायिक माहौल के मुद्दे पर आयोजित रिहाई मंच की बैठक में कही। वहीं मंच के महासचिव राजीव यादव ने कहा कि आजमगढ़ में सांप्रदायिक तनाव लगातार बने रहने के पीछे की वजह मुस्लिमों के खिलाफ हमलावरों में मुख्यतः यादव जाति के लोगों का शामिल होना है जिनके खिलाफ अखिलेश यादव सरकार कारवाई से बच रही है। इस पूरे साम्प्रदायिक तनाव में पूर्व भाजपा सांसद रमाकांत यादव की संलिप्तता है। ऐसे में उन्हें गिरफ्तार करते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन को तत्काल निलंबित किया जाए तथा पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच कराई जाए।

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मंच ने इस
मुद््दे पर मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि मिशन 2014 के लिए मुजफ्फरनगर को जिस तरह से सांप्रदायिक ताकतों ने फूंका ठीक उसी तरह 2017 के लिए आजमगढ़ को टारगेट किया जा रहा है। बैठक में तय किया गया कि सपा-भाजपा गठजोड़ के खिलाफ रिहाई मंच जन अभियान चलाकर दोनों के सांप्रदायिक चेहरे को बेनकाब करेगा। मंच इस मुद्दे पर जल्द ही आजमगढ़ का दौरा भी करेगा।

बैठक के बाद
जारी प्रेस विज्ञप्ति में रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि दिनांक 14 मई 2016 की शाम को खुदादादपुर में दो पक्षों के निजी मामले को पुलिस और सांप्रदायिक तत्वों की मिलीभगत से पूरे मामले को सांप्रदायिक बना दिया गया। जिसके तहत पुलिस ने मुसलमानों के घरों में जबरन घुसने की कोशिश की, फायरिंग की तथा आंसू गैस के गोले छोड़े जो लोगों के घरों में जाकर गिरे। इस दौरान पुलिस ने घरों में तोड़फोड़ भी की। दरवाजे तोड़ने और चीख पुकार की आवाजें आने के बाद क्षेत्र का माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस दौरान यादव बहुल फरीदाबाद गांव, जो करीब में ही है के हिन्दुत्ववादी साम्प्रदायिक तत्व सैकड़ों की तादाद में सड़क पर आ गए और रास्ते से गुजरने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों की पहिचान करते हुए उन्हें मारने-पीटने लगे, जिसमें कई लोग घायल हो गए। इस दौरान वहां मौजूद पुलिस बल के लोग खामोश व तमाशाई ही नहीं बने रहे बल्कि बलवाईयों को ऐसा करने के लिए यह कहते हुए उकसाया कि ‘इनको इस बार ठीक कर देना है’।

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प्रेस
विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि रिहाई मंच के स्थानीय नेताओं द्वारा जो तथ्य
इकठ्ठा किए गए उसके मुताबिक दूसरे दिन 15 मई 2016 को आसपास के गांव से भी हिन्दुत्ववादी साम्प्रदायिक तत्व फरीदाबाद में दोपहर 12 बजे से ही इकठ्ठा होना शुरू हो गए और शाम साढ़े पांच बजे लाठी, डंडा, भाला, बंदूक व कट्टा लेकर मुसलमानों पर हमला करने की नीयत से खुदादादपुर गांव तक पहुंच गए। इस दौरान पूरे घटना स्थल के आस-पास कहीं कोई पुलिस की मौजूदगी नहीं थी जबकि वहां से 100 मीटर की दूरी पर खुदादादपुर बाजार में पुलिस मौजूद थी। लेकिन उसने न तो घटना स्थल पर पहुंच कर बलवाईयों को इकठ्ठा होने से रोका और ना ही उन्हें हमलावर होने से रोका। जबकि वहां पहले से ही धारा 144 लागू थी। इस दौरान थाना क्षेत्र निजामाबाद अंतर्गत ग्राम खुदादादपुर, संजरपुर, बनगांवा, फरीदाबाद, ईश्वरपुर, गंगापुर, अम्बरपुर एवं सरायमीर थाना क्षेत्र अंतर्गत खानपुर व गम्भीरपुर थाना अंतर्गत लूसा और बभनगावां गांव के आस-पास भी सांप्रदायिक आतंक फैल गया क्योंकि इन गांवों को साम्प्रदायिक तत्वों ने पांच सौ से लेकर हजार की भीड़ बना कर घेर लिया। इस दौरान मुस्लिम समुदाय अपने घरों में दुबका रहा और लगातार पुलिस अधिकारियों से फोर्स भेजने की फरियाद करता रहा। जिसे पुलिस टालती रही। इस दौरान हिन्दुत्ववादी साम्प्रदायिक भीड़ ने रास्ते से आने जाने वाले मुस्लिमों की पिटाई भी की जिसमें कई लोग घायल हो गए और कई मोटर साइकिलों को भी जला देने की घटना सामने आई है।

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वहीं रिहाई
मंच के महासचिव राजीव यादव ने कहा कि दहशतजदा गांव के लोगों ने रिहाई मंच से
सम्पर्क कर बताया कि पीड़ित मुस्लिम समुदाय में यह धारणा है कि हमलावरों में
ज्यादातर यादव जाति से आते हैं लिहाजा पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने से
परहेज कर रही है। यहां यह गौरतलब है कि वहां पूर्व सांसद और भाजपा नेता रमाकांत
यादव जिनका पुराना आपराधिक और साम्प्रदायिक रिकॅार्ड रहा है वह व भाजपा के अन्य
संगठनों के लोग हिंदू हित के नाम पर उन्हें हमलों के लिए उकसा रहे हैं। जिनको खुला
समर्थन पुलिस प्रशासन भी दे रहा है। बैठक में रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज आलम, दलित मुस्लिम अधिकार मंच के शम्स तबरेज, हरे राम मिश्र, गुंजन सिंह, अनिल यादव, शकील कुरैशी, शबरोज मोहम्मदी आदि उपस्थित रहे।