देश भर में रहने वाले मीडिया के लोग शिशिर गुप्ता के नाम से अच्छे से वाक़िफ़ हैं। पिछले साल ही इंडियन मुजाहिदीन नाम की किताब लिखकर आजमगढ़ को जिहादियों की फैक्ट्री बताने वाले गुप्ता के खुद हथियारों के डीलर्स से तार जुड़े हुए की खबर सामने आई है।
लेकिन इसे देश के नामी गिरामी मीडिया कंपनियों की लापरवाही समझें या मजबूरी लेकिन सच तो यह है कि शिशिर के हथियारों के डीलर्स से गाढ़े सम्बन्ध उजागर होने के बावजूद भी कोई मीडिया चैनल इस बारे में डिबेट, सवाल-जवाब या रिपोर्ट जैसा कुछ नहीं दिखा पा रहा।
आपको बता दें कि पिछले दिनों रोबर्ट वाड्रा और आर्म्स डीलर संजय भंडारी के बीच प्रॉपर्टी की सौदेबाज़ी को लेकर जो खबर मीडिया में आई थी उसी खबर में पुख्ता सुबूत बने कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड में आर्म्स डीलर भंडारी से सबसे ज़्यादा बातचीत करने वाले नंबर्स में से तीसरा नंबर शिशिर गुप्ता का था।
मीडिया को इस बात की पूरी खबर होने के बावजूद शिशिर के नाम को दबाया जा रहा है जिससे ऐसा लग रहा है कि मीडिया एक दुसरे के गहरे राज़ों को राज़ ही रहने देना चाहती है।