आज़मीने हज्ज की 17 अप्रैल को क़ुरआ अंदाज़ी

मर्कज़ी हज कमेटी की मीटिंग मुनाक़िदा हज हाउज़ मुंबई में हज 2014 के इंतिज़ामात और हिक्मते अमली को क़तईयत देने से मुताल्लिक़ मुख़्तलिफ़ अहम उमोर का जायज़ा लिया गया।

प्रोफेसर एस ए शकूर स्पेशल ऑफीसर आंध्र प्रदेश हज कमेटी ने मीटिंग से ख़िताब करते हुए इस साल आज़मीने हज्ज की क़ुरआ अंदाज़ी जुमेरात 17 अप्रैल को करवाने की तजवीज़ पेश की।

उन्होंने रियासत की नुमाइंदगी करते हुए हैदराबाद में हज कैंप के इनइक़ाद के ताल्लुक़ से अहम तजावीज़ रखें। उन्होंने कहा कि इस के हुज्जाजकिराम में तक़सीम के लिए ज़मज़म हज कमेटी के हवाले किया जाये।

इस मीटिंग में शिरकत के बाद हैदराबाद वापसी पर प्रोफेसर एस ए शकूर ने बताया कि इस साल मक्का मुअज़्ज़मा में मताफ़ में तौसीअ और मेट्रो रेल के कामों की वजह से हुज्जाजकिराम के कोटा में कमी की गई है।

मेट्रो रेल का काम तीन चार साल तक जारी रहेगा। हिंदुस्तान के कोटा में भी कमी आई है जिस के बाद हज कमेटी का कोटा 1,00,020 मुक़र्रर किया गया है जबकि प्राइवेट टूर ऑप्रेटरज़ का कोटा 36,000 किया गया है।

इस तरह हज कमेटी के कोटा में 20 फ़ीसद कमी और प्राइवेट टूर ऑप्रेटरज़ के कोटा में 20 फ़ीसद की कमी हुई है। हज कमेटी आफ़ इंडिया ने वज़ीर-ए-ख़ारजा से मुलाक़ात करके कोटा को बहाल करने के लिए भी नुमाइंदगी की थी।

प्रोफेसर एस ए शकूर ने कहा कि कोटा में इज़ाफे के लिए मुख़्तलिफ़ रियास्तों से नुमाइंदगीयाँ की गई हैं। तीन चार रियास्तें एसी हैं जहां महफ़ूज़ ज़मरों की दरख़ास्तों के पेशे नज़र नए दरख़ास्त गुज़ारों के लिए क़ुरआ की नौबत ही नहीं आएगी।

इस के अलावा इस साल दरख़ास्त गुज़ारों की तादाद में कोटा के मुक़ाबिल तीन ता चार गुना दरख़ास्तें वसूल हुई हैं और इतनी ज़्यादा तादाद के पेशे नज़र आज़मीन को मुतमइन करना मुम्किन नहीं है।