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आज़मीने हज को यूज़र चार्जेस के बोझ से बचाने की कोशिश

आंध्र प्रदेश के 7800 से ज़ाइद आज़मीने हज को जारीया साल शम्साबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सऊदी अरब रवानगी के मौक़ा पर कोई रियायत हासिल नहीं होगी। एयरपोर्ट की मिलकीयत वाली कंपनी जी एम आर ने अपने दीवालीया के सबब आज़मीने हज को जारीया साल यूज़र डेवलप्मेंट फीस में किसी किस्म की रियायत देने से इंकार कर दिया है ।

जी एम आर इंटरनेशनल हुक्काम की जानिब से हुकूमत को इस सिलसिले में वाज़ेह तौर पर जवाब दीए जाने के बाद वज़ीरे अक़लीयती बहबूद अहमद उल्लाह इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि हुकूमत से ज़ाइद बजट हासिल करते हुए आज़मीने हज के यूज़र चार्जेस के अख़राजात हज कमेटी बर्दाश्त करे। इस तरह आज़मीने हज को फ़ी आज़िम 1800 रुपये के इज़ाफ़ी बोझ से बचाया जा सकता है।

वाज़ेह रहे कि जी एम आर कंपनी मालद्वीप में प्रोजेक्ट की मंसूख़ी के बाद मालीयाती बोहरान का शिकार हो चुकी है और बैंकों को भारी क़र्ज़ के बाइस शम्साबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट को एक बैंक ने अपनी तहवील में ले लिया है ।

अब देखना ये है कि चीफ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी जो अक़लीयतों की फ़लाहो बहबूद के बारे में बुलंद बाँग दावे करते हैं , वो अमली तौर पर इस का मुज़ाहरा कर पाएंगे या नहीं। चीफ मिनिस्टर जो कि आज़मीने हज के पहले क़ाफ़िले को रवाना करने की तैयारी कर रहे हैं,

वो आज़मीने हज को यूज़र चार्जेस में रियायत फ़राहम करते हुए आज़मीने हज के ख़ैर मक़दम के मुस्तहिक़ बन सकते हैं।

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