आज़मीन-ए-हज्ज का कोई ख़ुसूसी कोटा नहीं है: सदर नशीन हज कमेटी का ब्यान

सदर नशीन आंधरा प्रदेश स्टेट हज कमेटी जनाब सय्यद ख़लील उद्दीन अहमद ने एक ब्यान में बताया है कि अक्सर अफ़राद जिन का क़ुरआ अंदाज़ी के ज़रीया हज 2012 के लिए इंतिख़ाब नहीं हुआ है या जिन का नाम वेटिंग लिस्ट में नहीं आया है वो मुख़्तलिफ़ अहम शख़्सियतों से रब्त करके उन के ज़रीया स्पेशल कोटा में हज की नशिस्त अलॉट करवाना चाहते हैं, लेकिन इस साल मुअज़्ज़िज़ सुप्रीम कोर्ट ने ख़ुसूसी कोटा को बर्ख़ास्त कर दिया है और इस फ़ैसला की रूअ से आज़मीन-ए-हज्ज का कोई स्पेशल कोटा नहीं रहेगा।

चीफ़ मिनिस्टर, रियास्ती वुज़रा, अरकान-ए-पार्लियामेंट और हज कमेटी के सदर नशीन-ओ-अरकान के लिए इस साल किसी किस्म का ख़ुसूसी कोटा नहीं है और तमाम नशिस्तों का इंतिहाई साफ़-ओ-शफ़्फ़ाफ़ अंदाज़ में क़ुरआ अंदाज़ी के ज़रीया ही इंतिख़ाब किया गया है।

इस के इलावा जो ज़ाइद नशिस्तें (सीटें) अलॉट हुई हैं और जो नशिस्तें (सीटें) मंसूख़ हुई हैं उन के लिए भी वेस्टिंग लिस्ट से ही सीनयारीटी के लिहाज़ से आज़मीन का इंतिख़ाब ऐमल में आएगा। जो अफ़राद इस ताल्लुक़ से कोशिश कर रहे हैं बेफैज़ ही साबित होंगी। क़ुरआ अंदाज़ी में अपने इंतिख़ाब का इंतिज़ार करें।

इस से हट कर हज कमेटी के ज़रीया हज पर जाने का कोई और तरीक़ा नहीं है।