ख़ुसूसी रिपोर्ट
फ़रीज़ा हज की सआदत और मुक़ामात मुक़द्दसा की ज़यारत हासिल करने वाले आज़मीन-ए-हज्ज 2012-ए-की बेहतर और आसान रहबरी केलिए हम ने रियासत आंधरा प्रदेश हज कमेटी के एगज़ीकीटीव ऑफीसर प्रोफ़ैसर एसए शकूर से ख़ुसूसी मुलाक़ात की। दौरान गुफ़्तगु उन्हों ने बताया कि गुज़शता सालों के मुक़ाबले में साल-ए-रवां बेहतर इंतिज़ामात कराने के हवाले से हज कमेटी हर मुम्किना कोशिश करने के लिए बाअज़म है। इस ख़सूस में सफ़र हज की तमाम कार्यवाईयों पर रोशनी डालते हुए नुमाइंदा ख़ुसूसी सियासत से गुफ़्तगु के दौरान उन्हों ने कहा कि हज कमेटी रियासत आंधरा प्रदेश की जानिब से यक्म मार्च 2012-ए-से फ़ार्म की तक़सीम-ए-अमल में आचुकी ही। ताहाल ज़ाइद अज़ 14000 आज़मीन फ़ार्म हासिल करचुके हैं जबकि 5950 फ़ार्म दाख़िल भी होचुके हैं। मज़ीद उन्हों ने बताया कि फ़ार्मदाख़िल करने की आख़िरी तारीख़ 16 अप्रैल 2012-ए-तए की गई है ।
दरख़ास्त फ़ार्ममुताल्लिक़ा रियास्ती हज कमेटी के दफ़्तर मुफ़्त हासिल किए जा सकते हैं। नीज़ हज कमेटी की वैब साईट www.hajcommittee.com से भी फ़ार्म की हुसूलयाबी होसकती ही। दरख़ास्त दहिंदगान का कोर औसतन तीन अश्ख़ास पर मुश्तमिल होता है इस लिए कमेटी की जानिब से जारी किया गया एक हज दरख़ास्त सीट (Set) 6 सफ़हात पर मुश्तमिल है। एक आज़िम के लिए दो सफ़हात ताकि तीन दरख़ास्त दहिंदगान एक साथ दरख़ास्त दे सकें। दरख़ास्त फ़ार्म के साथ स्टेट बैंक आफ़ इंडिया का 200 रुपय का चालान भी जमा करना होगा। ये रक़म हज कमेटी के अकाउंट नंबर 32175017712 में जमा कराना होगी और इस साल पहली मर्तबा मैडीकल सर्टीफ़िकेट लाज़िमी क़रार दिया गया है । लिहाज़ा सेहत मंद होने की तसदीक़ किसी मुस्तनद डाक्टर से कराना लाज़िमी होगा। सरकारी डाक्टर को तर्जीह देंनीज़ हुकूमत सऊदी अरबिया ने इत्तिला फ़राहम की हज वीज़ा सिर्फ़ इंटरनैशनल पासपोर्ट पर ही लगाया जाएगा। लिहाज़ा तमाम आज़मीन के पास इंटरनैशनल पासपोर्ट होना ज़रूरी है।
वाज़िह रहे कि इस साल आज़मीन के दो ही ज़ुमरे रखे गए हैं। (1) ग्रीन , (2)अज़ीज़ ये जबकि महफ़ूज़ ज़ुमरे दो हैं (1) 70 + कटीगरी , जिस में ऐसे आज़मीन को दर्ज किया जाएगा जिन की उम्र 29 फरवरी 2012-ए-तक 70 या इस से ज़ाइद हो और क़रीबी अज़ीज़-ओ-क़ारिब में से एक हमसफ़र को इजाज़त होगी, लेकिन अगर 70 साल या इस सेज़ाइद उम्र के आज़मीन ने अपना सफ़र मंसूख़ किया तो साथी को तन्हा सफ़र करने की इजाज़त ना होगी। दूसरे महफ़ूज़ ज़ुमरे में वो आज़मीन हैं, जिन की दरख़ास्तें गुज़शता तीन सालों के क़ुरआ में मुसलसल रद्द हुई हूँ। उन्हें बराह-ए-रास्त बगै़र कराके मुंतख़ब कर लिया जाएगा।
नौ ज़ाईदा बच्चे की उम्र 30 नवंबर 2012-ए-तक दो साल से कम होनी चाहिए वर्ना बड़े अफ़राद की तरह रक़ूम जमा करनी होगी और क़ुरआ अंदाज़ी की तारीख़ 10 मई 2012-ए-मुक़र्रर की गई ही। क़ुरआ अंदाज़ी में मुंतख़ब शूदा आज़मीन को 51000 पेशगी हज कीरक़म एसबी आई में हज कमेटी के करंट बैंक अकाउंट नंबर FEE TYPE-25 में जमा करानी होगी। बक़ीया हज की रक़म और जहाज़ किराया मज़कूरा बैंक अकाउंट नंबर में जमा कराने की आख़िरी तारीख़ 19 जुलाई 2012-ए-ही। मुंतख़ब शूदा आज़मीन 31 जुलाई से क़बल रबातके लिए दरख़ास्त दाख़िल कर सकते हैं और बैरून-ए-मुल्क में मुक़ीम मुंतख़ब शूदा हिंदूस्तानी बाशिंदों को पासपोर्ट जमा करने की आख़िरी तारीख़ 10 सितंबर 2012-ए-है।
वो बैरून-ए-मुल्क में रोज़गार की सनद के साथ फ़ार्म दाख़िल करें। 20 अक्टूबर से आज़मीन कीरवानगी का सिलसिला शुरू होकर 19 नवंबर 2012-ए-तक जारी रहेगा। इस सालइंशाअल्लाह 26 नवंबर को अर्फ़ात का दिन होगा। वाज़िह रहे कि 19 मार्च तक 1500 आज़मीन पासपोर्ट के लिए फ़ार्म दाख़िल करचुके हैं और पासपोर्ट चूँकि इंटरनैशनल होना ज़रूरी ही, इस लिए सय्यद ख़लील उद्दीन अहमद चेयरमैन हज कमेटी, एसए शकूर एग्ज़ीक्यूटिव ऑफीसर और अरकान हज कमेटी ने पासपोर्ट ऑफीसर से मुलाक़ात करके मुक़र्ररा वक़्त पर पासपोर्ट मिलने के इंतिज़ामात की ताकीद की।
जनाब एसए शकूर ने बताया कि जिन आज़मीन की पुलिस इंकुआयरी हो चुकी ही, उन के पासपोर्टस 5 रोज़ में मिल जाएंगी। नीज़ जिन की इंकुआयरी नहीं हुई ही, उन के लिए एक ख़ुसूसी काउंटर क़ायम किया गया ही। इस में भी तेज़ी आएगी। एग्ज़ीक्यूटिव ऑफीसर ने बताया कि सफ़र हज कीजुमला तफ़सीलात जानने केलिए एक हेल्पलाइन नंबर रखा गया ही। 040-23298793 जिस पर सुबह 10.30 ता शाम 5 बजे रब्त किया जा सकता है और आज़मीन जो फ़ोन नंबर दरख़ास्त पर दर्ज कररहे हैं उसे सफ़र हज से वापसी तक अपने साथ रखें ताकि हज कमेटी की जानिब से तफ़सीलात बज़रीया फ़ोन या पैग़ाम इरसाल किए जा सकें। बह फ़ोन बा पैग़ामात 040-23236310 नम्बर से मौसूल होंगी।
एग्ज़ीक्यूटिव ऑफीसर हज कमेटी नेमज़ीद बतायाकि साल-ए-रवां आज़मीन के बेहतर क़ियाम-ओ-ताम के इंतिज़ामात किए जाएंगी। हम ने भी दफ़्तर हज कमेटी में देखा कि दरख़ास्त गुज़ार आज़मीन केलिए 8 काउंटरज़ और उन की रहबरी केलिए 5 काउंटरज़ रखे गए हैं जबकि चंद हज़रात आज़मीन के लिए फ़ार्म पर करने की ख़िदमात भी पेश करते हुए नज़र आई। नीज़ वहां ठंडे पानी का भी नज़म किया गया है और दफ़्तर की तमाम कार्यवाहिया एसए शकूर की ज़ेर-ए-निगरानी हो रही हैं। सफ़र हज के किसी भी मरहले में जानकारी हासिल करने या शिकायत दर्ज कराने के लिए आज़मीन बराह-ए-रास्त एसए शकूर से राब्ता कर सकते हैं। मालूम रहे कि हाजी हज़रात दौरान-ए-सफ़र अपने साथ 22 किलो वज़न तक के दो सूटकेस और 10 किलो तक के हैंड करी रख सकते हैं।