आज़मीन-ए-हज की तक़रीबन 17 हज़ार दरख्वास्तें मौसूल

हज कमेटी के तवस्सुत से हज बैतुल्लाह 2012 की अदायगी के ख्वाहिशमंदों की दरख्वास्तों के इदख़ाल की आज आख़िरी तारीख़ थी 25 अप्रैल को दफ़्तरी औक़ात के बाद कई घंटों तक हज कमेटी का दफ़्तर ख़िदमात अंजाम देता रहा जिस की अहम वजह लम्हा आख़िर में दरख्वास्तों के इदख़ाल के ख्वाहिशमंदों की बड़ी तादाद की मौजूदगी रही। आन्ध्र प्रदेश रियास्ती हज कमेटी को क़रीब 17 हज़ार दरख्वास्तें मौसूल हुई हैं जिन में महफ़ूज़ ज़ुमरे के आज़मीन की दरख्वास्तें भी शामिल हैं। इत्तिलाआत के बमूजब मर्कज़ी हज कमेटी ने आन्ध्र प्रदेश को क़ौमी सतह के जुमला कोटा 1,10000 में से 5.05फ़ीसद कोटा मुख़तस करने का फ़ैसला किया है।

बताया जाता है कि इस साल भी आन्ध्र प्रदेश रियास्ती हज कमेटी को तक़रीबन 6 हज़ार या इस से कुछ ज़्यादा कोटा मुख़तस किया जाएगा। हज 2011 के लिए मर्कज़ी हज कमेटी ने आन्ध्र प्रदेश को 6222 नशिस्तों का कोटा मुख़तस किया था जिस में बतदरीज इज़ाफ़ा के बाद हज 2011 में रियास्ती हज कमेटी के तवस्सुत से 7525 आज़मीन ने हज बैतुल्लाह की सआदत हासिल की थी। इस मर्तबा भी मर्कज़ी हज कमेटी आन्ध्र प्रदेश को तक़रीबन 6 हज़ार या इस से कुछ ज़्यादा कोटा मुख़तस करने का इरादा रखती है लेकिन बादअज़ां होने वाले मंसूख़ी सफ़र के बाद वेटिंग लिस्ट में मौजूद आज़मीन की तौसीक़ करते हुए इज़ाफ़ा किया जा सकता है।

इलावाअज़ीं सरकारी अख्तियारी कोटा के आज़मीन की तादाद को भी शामिल कर लीए जाने के बाद हज 2012 में भी 8 हज़ार के क़रीब आज़मीन रवाना होने की तवक़्क़ो है। आन्ध्र प्रदेश रियास्ती हज कमेटी में दरख्वास्त दाख़िल करने वाले तक़रीबन 17 हज़ार दरख्वास्त गुज़ारों में 10 फ़ीसद दरख्वास्त गुज़ारों की दरख्वास्तें महफ़ूज़ ज़ुमरे में वसूल किए जाने की इत्तिलाआत हैं जिस में मुसलसल तीन साल से दरख्वास्त दाख़िल करने वालों के इलावा ज़ाइद अज़ 70 साल उम्र के हामिल आज़मीन की दरख्वास्तें भी शामिल हैं।

मर्कज़ी हज कमेटी के शेड्यूल के मुताबिक़ आन्ध्र प्रदेश रियास्ती हज कमेटी के आज़मीन के इंतिख़ाब के लिए 10 जून को क़ुरआ अंदाज़ी मुनाक़िद होगी और इस ऑनलाइन क़ुरआ अंदाज़ी की रास्त निगरानी मर्कज़ी हज कमेटी करेगी। रियासत में 18 असैंबली हलक़ों के इलावा एक पारलीमानी नशिस्त पर होने वाले ज़िमनी इंतिख़ाबात के शेड्यूल की इजराई और आलामीया जारी किए जाने के सबब हज कमेटी के सदर नशीन या अरकान इंतिख़ाबी ज़ाबता अख़लाक़ के नफ़ाज़ के सबब 10 जून को मुनाक़िद होने वाली क़ुरआ अंदाज़ी में हिस्सा नहीं ले पाएंगे और ओहदेदार ही क़ुरआ अंदाज़ी अंजाम देंगे।

वज़ीर-ए-अकलियती बहबूद आन्ध्र प्रदेश जनाब मुहम्मद अहमद उल्लाह को चाहीए कि वो फ़ौरी तौर पर मर्कज़ी वज़ारत-ए-ख़ारजा और मर्कज़ी हज कमेटी से नुमाइंदगी करते हुए आन्ध्र प्रदेश के लिए मुख़तस किए जाने वाले कोटा में ख़ातिरख़वाह इज़ाफ़ा करवाईं चूँकि कोटा की तख़सीस के बाद इज़ाफ़ा की सूरत में तमाम रियास्तों की नज़रें मंसूख़ी सफ़र और तौसीक़ सफ़र के आज़मीन की तादाद पर होती हैं जिस के सबब इज़ाफ़ी कोटा हासिल करने में दुश्वारियां पैदा होने का ख़दशा लगा रहता है।