आज़मीन-ए-हज को सब्र-ओ-तहम्मुल का मश्वरा

रियास्ती हज कमेटी के 350 आज़मीन-ए-हजपर मुश्तमिल चौथा क़ाफ़िला आज शाम सऊदी एयरलायंस की ख़ुसूसी परवाज़ से जद्दा रवाना हुआ। शमस आबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के ख़ुसूसी हज टर्मीनल में स्पैशल ऑफीसर हज कमेटी प्रोफ़ेसर एस ए शकूर ने आज़मीन-ए-हजसे मुलाक़ात की और इंतिज़ामात का जायज़ा लिया।वो तय्यारा की परवाज़ तक एयरपोर्ट पर मौजूद रहे और इंतिज़ामात की निगरानी की।

क़ब्लअज़ीं हज हाउज़ नामपली से आर टी सी की ख़ुसूसी बसों के ज़रीया आज़मीन-ए-हजको एयरपोर्ट रवाना किया गया। महिकमा अक़ल्लीयती उमूर हकूमत-ए-हिन्द के स्टेट कोआर्डीनेटर एजाज़ हुसैन और स्पैशल ऑफीसर एस ए शकूर ने झंडी दिखाकर बसों को रवाना किया।
आज के क़ाफ़िला में आदिलाबाद के 53 , हैदराबाद 94 , करीमनगर 80 , खम्मम 28 , महबूबनगर 67 , मेदक 6 , नलगनडा 9 , निज़ाम आबाद 9 और रंगा रेड्डी के 3 आज़मीन शामिल हैं।

अब तक हज कमेटी के तीन क़ाफ़िले मक्का मुकर्रमा पहुंच गए और आज़मीन ने उमरा की सआदत हासिल की। आज़मीन-ए-हजकी रवानगी से क़ब्ल मौलाना मुफ़्ती अबदुल मग़नी मज़ाहरी ने फ़रीज़ा हज की अदायगी और ज़ियारत रोज़ा नबवी स0 के आदाब बयान किए।
उन्हों ने आज़मीन-ए-हजको मश्वरा दिया कि वो अपना ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त इबादतों में सर्फ़ करें और हज की सआदत के बाद इस अज़्म के साथ मुल्क वापस होँ कि वो माबक़ी ज़िंदगी सुंन्नतों के मुताबिक़ बसर करेंगे।

उन्हों ने कहा कि हज की क़बूलीयत की अलामत यही है कि हुज्जाज किराम वापसी के बाद अपनी ज़िंदगी शरीयत के मुताबिक़ बसर करें। उन्हों ने आज़मीन-ए-हज को अय्याम हज और सफ़र के दौरान सब्र-ओ-तहम्मुल का मुज़ाहरा करने का मश्वरा दिया और कहा कि इस इबादत में अल्लाह ताला ने बंदों के इमतिहान के लिए मशक़्क़त को शामिल रखा है।