हैदराबाद24मार्च:(सियासत न्यूज़)। क़दीम शहर हैदराबाद में तरक़्क़ीयाती कामों के नाम पर ऐलान करदा प्रॊजॆक्टस या तो तात्तुल का शिकार हो जाते हैं या फिर मुताल्लिक़ा मह्कमाजात की लापरवाहियों और पुराने शहर से उन का मुतासबाना रवैय्या मज़कूरा प्रॊजॆक्टटों की तकमील में रुकावटें पीद अकऱ्ने का काम करता है जब कभी कोई भी प्रॊजॆक्ट का पुराने शहर में ऐलान किया जाता है तो इस प्रॊजॆक्ट के इफ़्तिताह के लिए मुताल्लिक़ा महिकमा के आली ओहदेदारों के बिशमोल छोटे अफ़ीसरस मुताल्लिक़ा गत्तादार और मुक़ामी लीडरों की कसीर तादाद सरगर्म हो जाती है
बाजी मुरफ़्फ़ा बजाकर क़ाइदीन की बकसरत गलपोशीव ं के बाद अमली तौर पर पराजकट के आग़ाज़ का ऐलान किया जाता है मुताल्लिक़ा तमाम ओहदेदारान भी इस इफ़्तिताही तक़रीब में शामिल रहते हैं इफ़्तिताह के तमाम अख़राजात उस गत्तादार को उठाने पड़ते हैं जो प्रॊजॆक्ट की तकमील का ज़िम्मेदार होता है ।
इफ़्तिताही तक़रीब के कई हफ़्ता गुज़र जाने के बावजूद भी तामीरीकामों का आग़ाज़ नहीं होता जबकि प्रॊजॆक्ट की तकमील शहरीयों को दरपेश मसाइल के हल में मददगार साबित होती है पुराने शहर हैदराबाद में कई ऐसे प्रॊजॆक्ट हैं जो कई महीनों से ज़ेर तकमील हैं और अवाम को मज़कूरा प्रॊजॆक्ट की तकमील में ताख़ीर के सबब कई परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है कुछ इस तरह का हाल आज़म पूरा रेलवेबुरज की तौसीअ प्रॊजॆक्ट का है 12जुलाई साल 2011को मज़कूरा बुरज की तौसीअ के काम का इफ़्तिताह अमल में लाया गया जबकि उठ महीनों में करोड़ों रूपीओं के इस पराजकट का काम पंद्रह फ़ीसद भी मुकम्मल नहीं हुआ ।
पिछले कई महीनों से आज़म पूरा रेलवे बुरजतौसीअ प्रॊजॆक्ट का काम बंद पड़ा हुआ है बुरज के एक किनारे पर पर्दा बांध दिया गया है ताकि लोगों को पता चले के काम जारी है मगर हक़ीक़त इस के बरख़िलाफ़ है मज़कूरा प्रॊजॆक्ट का कोई पुर्साने हाल नहीं है हुकूमत और मुताल्लिक़ा मह्कमाजात के ज़िम्मादारुण अगर हक़्क़ीत में पुराने शहर की अवाम को सहूलतें फ़राहम करने में संजीदा हैं तोआज़म पूरा रेलवे तौसीअ प्रॊजॆक्ट के बिशमोल दीगर ज़र-ए-तामीर पराजकट की आलाना तकमील ज़रूरी ही