लंदन 13 सितंबर (पी टी आई) हिंदूस्तान में राज दूर से अख़ज़ किए(निकले) हुए क़वानीन के इस्तिमाल पर मुबाहिस जारी हैं और बर्तानवी सामराज के दौर के क़वानीन के इस्तिमाल को बर्तानिया की पार्लीमैंट ने आज़ादी-ए-हिंद के 65 साल बाद मंसूख़(रद्द) कर दिया।
हिंदूस्तानी रेलवे ने ऐसे 38 क़वानीन 1849 -और 1942 -के दौरान राइज किए गए थे। ये क़वानीन बर्तानिया में 1947 -ए-में हिंदूस्तान की आज़ादी के बावजूद क़वानीन की फ़हरिस्त में शामिल थे।
इन क़वानीन को दीगर क़वानीन के साथ अज़कार रफ़्ता, फ़र्सूदा और नाकारा, ग़ैर ज़रूरी या इस के बरअक्स मौजूदा अमली इस्तिमाल के नाक़ाबिल क़रार देते हुए मंसूख़(रद्द)करदिया गया है।
जारीया इजलास के दौरान ही उन्हें आइन्दा माह पार्लीमैंट में पेश किया जा सकता है। इन क़वानीन की तंसीख़ के साथ जारीया साल के इख़तताम तक बर्तानिया में सामराजी दौर की बाक़ियात का भी ख़ातमा होजाएगा।