आज झारखंड के साबिक़ वजीरे आला मधु कोड़ा कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। लोकसभा इंतिख़ाब के करीब आते ही तमाम पार्टियां नये इत्तीहाद कर अच्छे मुजाहिरे की तैयारी में जुट गयीं है। इसी के मद्देनजर बदउनवानी के इल्ज़ाम और झारखंड के साबिक़ वजीरे आला मधु कोड़ा के कांग्रेस में शामिल होने की खबर है। पहले कोड़ा के 28 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की खबर थी क्योंकि इस दिन को कांग्रेस पार्टी यौमे तासीस के तौर में मनाती है। हालांकि बदउनवान के इल्ज़ाम के चलते कांग्रेस तजबजब में है, पर बीजेपी से मिल रही सख्त चुनौती को देखते हुए उसे दागी कोड़ा को अपने साथ रखने को मजबूर है।
आगामी इंतिख़ाब के मद्देनजर आदिवासी रियासत में गैर मत्वक़िह सियासत जोरों पर है। साबिक़ वजीरे आला और जेवीएम (पी) लीडर बाबूलाल मरांडी ने कांग्रेस के साथ मिलकर गुजिशता एसेम्बली इंतिख़ाब लड़ा था। लेकिन इस बार उन्होंने जेडीयू के साथ इत्तीहाद कर लिया है। बिहार में लालू की आरजेडी से लंबे वक़्त से दूर रहने वाली कांग्रेस पार्टी झारखंड में जेएमएम और आरजेडी के साथ इत्तीहाद हुकूमत में हिस्सेदार है और इस बात के वाजेह इशारा हैं कि तीनों पार्टियां साथ मिलकर आगामी लोकसभा इंतिख़ाब लड़ेंगी। 9 सीटों पर, जेएमएम 4 और आरजेडी एक सीट पर इंतिख़ाब लड़ेगी।
झारखंड में 14 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस के पास फिलहाल एक सीट है। रांची से सुबोधकांत सहाय उसके एमपी हैं। हैं. जेएमएम के पास दो सीटें हैं। दोनों पार्टियों ने गुजिशता इंतिख़ाब अलग-अलग लड़ा था। साल 2004 के लोकसभा इंतिख़ाब में जब दोनों पार्टियों ने इत्तीहाद में इंतिख़ाब लड़ा था तो कांग्रेस को 6 और जेएमएम को 4 सीटें मिली थीं। आरजेडी और सीपीआई भी उस वक्त इत्तीहाद में शामिल थे। उन्हें बिलतरतीब दो और एक सीटें मिली थीं जिससे यूपीए-1 की झोली में 12 सीटें आ गई थीं। कांग्रेस इस बार भी वही जादू दोहराना चाहती है।