इलाहाबाद हाईकोर्ट की डवीज़न बेंच के सामने एक मफ़ाद-ए-आम्मा की रिट हिंदू फ्रंट बराए जस्टिस की जानिब से रंजना अग्नी होत्री समेत इलाहाबाद हाईकोर्ट के 16 वकला ने एक रिट दाख़िल की है जिस में फ़ाज़िल बेंच से इस्तिदा की गई है कि वो रियासती हुकूमत की आज की बेटी कल का मुस्तक़बिल स्कीम पर फ़िलफ़ौर पाबंदी लगाए
ये स्कीम अखिलेश यादव हुकूमत सिर्फ़ मुस्लिम लड़कियों केलिए चला रही है और उनको फी कस 30 हज़ार रुपये सालाना दे रही है जिन लड़कियों के घर वालों की आमदनी 36 हज़ार रुपये सालाना है। दर्ख़ास्त गुज़ार ने उसे आईन की दफ़ा 14 के सरीहन मुनाफ़ी बताया और कहा कि अक्सरियती फ़िर्क़ा में ऐसी बहुत बड़ी तादाद लड़कियों की है जिन को इस स्कीम का फ़ायदा मिलना चाहिए।
ये स्कीम ख़ालिस मुस्लिम लड़कियों के लिए क्यों है ? जस्टिस इम्तियाज़ मुर्तज़ा , जस्टिस डी के सिंह की फ़ाज़िल बेंच ने इस स्कीम पर फ़िलहाल पाबंदी तो नहीं लगाई लेकिन इस मुआमले में उसने रियासती हुकूमत से चार हफ़्ता के अंदर जवाब दाख़िल कर के और दर्ख़ास्त गुज़ार को एक हफ़्ता के अंदर जवाब दाख़िल करने की हिदायत दी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में समाजवादी कारकुन नूतन ठाकुर ने मफ़ाद-ए-आम्मा की एक रिट दाख़िल कर के एस सी एस टी कमीशन की तशकील करने की इस्तिदा की जिस पर हाईकोर्ट के जस्टिस देवी दयाल ने समाअत की। उन्होंने इस मुआमले में दो माह के अंदर कमीशन को तशकील करने की हुकूमत को हिदायत दी है।