बॉलीवुड अदाकारा काजोल का मानना है कि आज के दौर में मुल्क में गिरते जिंसी तनासुब (Sex ratio) को देखते हुए किसी मर्द के लिए ज़िंदगी जीना और आगे बढऩा एक खातून की बनिस्बत कहीं ज्यादा आसान हो गया है। 39 साला अदाकारा ने कहा कि आज़ादी के साथ ज़िंदगी जीने में मर्द हमेशा से ही ख्वातीन के लिए मुश्किलें पैदा करते रहे हैं, इसके लिए मर्दों की ज़हनियत को बदलना होगा। काजोल ने ‘बाजीगर’, ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘कुछ कुछ होता है’ जैसी कई हिट फिल्में की हैं।
काजोल दो बच्चों की मां भी हैं, उन्होंने मुल्क में ख्वातीन के खिलाफ बढ़ते जुर्म को लेकर मुल्क की बेबस नज़्मो नस्क़ और दिगर हालात को जिम्मेदार बताया। काजोल ने कहा,‘कानून का अमल जरूरी है लेकिन यह भी जरूरी है कि क्या मुकामी पुलिस स्टेशन अपना काम सही से कर रहे हैं या नहीं। कई मौके पर हमें यह भी सुनने को मिलता है कि पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करना चाहती और मुतास्सिरा की मदद की गुहार को अनसुनी कर देती है।’’
काजोल यहां दारुल हुकूमत दिल्ली में वोडाफोन फाउंडेशन की ‘वुमन ऑफ प्योर वंडर’ नामी किताब कि तकरीब रूनामाई ( release event) पर आई थीं।
किताब में 60 गैर मामूली ख्वातीन के वजूद और उनकी कामयाबी की याददाश्त है। इनमें तेजाब हमले की शिकार हुई और ज़िंदा बची लक्ष्मी की बायोग्राफी है। लक्ष्मी सात साल से खुदरा दुकानों पर तेजाब फरोख्त करने के लिए पाबंदी लगाने के लिए लड़ाई लड़ रही हैं। वोडाफोन ग्रुप पीएलसी की एग्जीक्यूटीव सदर विटोरी कोलाओ ने कहा, ‘‘हम जिन इलाको में भी अपने मार्केट को चला रहे हैं वहां Women’s Empowerment एक अहम मौजू है।