बैन-उल-अक़वामी क्रिकेट में मौजूद स्पिनर्से ग़ैर मुतास्सिर हिंदुस्तानी क्रिकेट टीम के साबिक़ स्पिनर एरापली प्रसन्ना ने कहा कि मौजूदा दौर के स्पिनर्स में विकेट हासिल करने की चाहत का फ़ुक़दान हैं।
उन्होंने कहा कि आप ईमानदारी से बताएं कि आज ऐसा कौनसा स्पिनर हैं और ख़ुसूसन आफ़ स्पिनर विकेट लेने की कोशिश करता है। विकेट लेने की कोशिश की बजाय आज के स्पिनर सिर्फ़ इस कोशिश में रहते हैं कि गेंद पेड को लगे और उनके हक़ में एल्बी डब्लू का फ़ैसला हासिल हो।
उन्होंने मज़ीद कहा कि जब एक स्पिनर एल्बी डब्लू की ख़ाहिश में गेंद बैटस्मेन के पीडस पर डालता है तो वो अपनी सलाहियतों को ज़ाए करता है। बीशन सिंह बेदी अपने दौर में खेली जाने वाली क्रिकेट और स्पिनर्स के मुज़ाहिरों के मुताल्लिक़ कहा कि जब वो टेस्ट खेलते तो उन की बौलिंग की हिक्मत-ए-अमली फील्डरों की जमावट के मुताबिक़ होती।
उन्होंने मज़ीद कहा कि वो हमेशा इस तरह की बौलिंग करते थे कि बैटस्मेन के क़रीब मौजूद फील्डर्स जैसे अजीत वाडेकर एकनाथ सोलकर और दीगर के हाथों में गेंद जाये। प्रसन्ना ने हिंदुस्तान के दूसरे स्पिनर बेदी के मुताल्लिक़ इज़हार-ए-ख़्याल करते हुए कहा कि वो मुख़्तसर क्रिकेट में काफ़ी कामयाब रहे। बेदी ने आज स्पिनर्स की जानिब से किए जाने वाले तजुर्बा दूसरे और तीसरे पर तन्क़ीद करते हुए कहा कि उन्हें पहला तो सही डालने दीजिए।