नई दिल्ली, 26 फरवरी: (पी टी आई) रेल बजट बराए साल 2013-14 आज पी के बंसल पार्लीमेंट में पेश कर रहे हैं । इस बजट के लिए जहां तमाम तैयारीयां पूरी हो चुकी है वहीं आम तौर पर ये देखा गया है कि अक्सर रेलवे वज़ीर जैसे सुरेश कलमाडी और दिनेश त्रिवेदी को मुश्किलात का सामना करना पड़ा ।
अगर गुज़शता 25साल के दौरान रेलवे वुज़रा के सयासी मुस्तक़बिल पर नज़र डाली जाये तो ये हक़ीक़ीत सामने आएगी कि ममता बनर्जी और नितिश कुमार और चंद एक के सिवा माबकी अक्सर वुज़रा के लिए ये क़लमदान कांटों से भरा रहा ।
सुरेश कलमाडी आख़िरी कांग्रेस वज़ीर रेलवे हैं जो कॉमनवेल्थ गेम्स में बे क़ाईदगियों की वजह से जेल भी जा चुके हैं । दिनेश त्रिवेदी के मुआमला ने हर किसी को हैरत में डाल दिया था । उन्होंने जैसे ही रेल बजट पेश किया फ़ौरी ममता बनर्जी ने उन्हें वज़ारत से हटा दिया था ।
मुकुल राय को त्रिवेदी की जगह लाया गया लेकिन चंद माह के अंदर तृणमूल कांग्रेस ने यू पी ए से अलहैदगी इख़्तेयार कर ली और उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा । लालू प्रसाद यादव यू पी ए में वज़ीर रेलवे थे लेकिन इनका सयासी करीयर ज़वाल पज़ीर होता जा रहा है । इसी तरह राम विलास पासवान साबिक़ वज़ीर रेलवे को भी इसी तरह की सूरत-ए-हाल का सामना करना पड़ा था।