आम लोगों से लेकर विश्व के शीर्ष नेताओं तक के निजी और सार्वजनिक संवाद में घुसपैठ करने के लिए दुनिया की आलोचना झेल रही अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी यानि एनएसए 1952 में आज ही के दिन 4 नवंबर को अस्तित्व में आई।
कर्मचारियों और बजट के लिहाज से अमेरिका की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी रक्षा मंत्रालय के तहत काम करती है और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक को सीधे रिपोर्ट करती है। एनएसए के पास अंतरराष्ट्रीय खुफिया कामों के लिए दुनिया भर से जानकारियां जुटाने और उनकी छानबीन करने की जिम्मेदारी है। अमेरिकी धरती पर मौजूद किसी शख्स के संचार के बारे में भी जानकारी रखने का काम इसी एजेंसी का है. इस काम के लिए संस्था के पास दक्ष पेशेवर और उच्च तकनीकी सुविधाएं हैं जिनकी मदद से यह ईमेल, मोबाइल से लेकर तमाम तरह के संचार साधनों में घुसपैठ कर सकती है।
अमेरिका की दूसरी खुफिया एजेंसियां जासूसों और एजेंटों के जरिए अपना काम करती हैं लेकिन एनएसए के पास इसके अधिकार नहीं है।वह सिर्फ बातचीत और संचार पर ही नजर रखती है। एनएसए के प्रमुख एक साथ अमेरिका की साइबर कमांड और सेंट्रल सिक्योरिटी सर्विस के भी प्रमुख होते हैं।