आज हुआ था हाशिमपुरा क़त्ल-ए-आम….

आज हाशिमपुरा में हुए क़त्ल ए आम की बरसी है. 22 मई 1987 को मेरठ शहर के हाशिमपुरा मोहल्ले से 42 नौजवान मुसलमानों को PAC ने उठा लिया था, उन्हें एक ट्रक में बाहर ले जाया गया जहां उन्हें मार दिया गया. उनकी लाशें जिस हालत में बाद में मिलीं वो आज भी दर्द जगा देने वाला दृश हो जाता है.

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असल में शहर में हुए हिन्दू मुस्लिम दंगों के बाद जब दंगे शांत हो गए तो PAC 42 मुसलमानों को एक पीले ट्रक में भर लिया और बाद में उन्हें गोली मार के नदी में फ़ेंक दिया, क़ुदरत की मेहरबानी से 2 नौजवान ज़िंदा बच गए और उन्होंने इस पूरी घटना की जानकारी दी और FIR दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि किस तरह निहत्थे नौजवान लोगों पर गोलियां चला दी गयीं.
मीडिया में आई ख़बरों के बाद ही सरकारें सक्रीय हुईं और 30 मई को प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने इलाक़े का दौरा किया.
कोर्ट कचहरी के फेर में अपनी आधी ज़िन्दगी गुज़ार चुके हाशिमपुरा में शहीद हुए लोगों के परिवार वालों को 2015 में समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार ने मुआवज़े के तौर पर 5 लाख रूपये दिए. अभी भी हाशिमपुरा के गुनाहगारों को सज़ा नहीं मिल पायी है पिछले साल मार्च में 16 के 16 लोगों को तीस हज़ारी कोर्ट ने इस बिनाह पे छोड़ दिया क्यूंकि सुबूत नाकाफ़ी थे.

फ़िलहाल मुक़दमा ऊपरी अदालत में है और कहीं किसी को उम्मीद है कि वो लोग जो कई साल पहले मर चुके हैं उनके साथ इंसाफ़ होगा..