लखनऊ: समाजवादी कुंबे में दरार थमने का नाम नहीं ले रहा है, शनिवार की बैठक नाकाम रहने के बाद, अब सभी की नज़र आज(रवीवार को)होने वाली बैठक पर टिकी है. आज अखलेश पार्टी के विधायकों और मंत्रियों से मिलेंगे.
नवभारत टाइम्स के अनुसार,बैठक में अखलेश बड़ा फैसला ले सकते हैं. राजधानी के राजनितिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर हैं कि सीएम अखलेश यादव समाजवादी पार्टी से बाहर जाने के बारे में भी सोच सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक,अखलेश कैंप की ओर से नया राजनितिक संगठन बनाया जा सकता है.हाल ही में रामगोपाल यादव के चुनाव आयोग के अधिकारीयों से मुलाक़ात के बाद इन अटकलों को और बल मिला है. सपा के राष्ट्रिय महासचिव रामगोपाल यादव खुले तौर पर सीएम अखलेश यादव के समर्थन में हैं. अखलेश कैम्प के एक मुख्य सदस्य ने कहा कि यह आखरी और बेहद दर्द भरा फैसला होगा,और उम्मीद है कि अखलेश यादव के नेतृत्व में नए संगठन के साथ हम सत्ता में आ सकेंगे. हम खुद को समाजवादी विचारधारा के सच्चे उत्तरिधिकारी मानते हैं.
नई पार्टी के चुनाव चिन्ह और नाम को लेकर भी चर्चाएँ चल रही हैं. अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि नई पार्टी का नाम प्रोग्रेसिव समाजवादी पार्टी हो सकता है, पार्टी का चुनाव चिन्ह मोटरसाइकिल हो सकता है. हालांकि, मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि सारे विकल्पों के ख़त्म हो जाने के बाद अखलेश इस मामले में आखरी फैसला लेंगे.
अखलेश के एक समर्थक ने कहा कि अखलेश को न केवल विधायकों का बल्कि संगठन का भी समर्थन है. हमें इस बात का यकीन है कि अगर अखलेश पिता और चाचा की छवि से बाहर भी निकलते हैं तो उनकी जीत पक्की है.इस की वजह उन के द्वारा किये गए अभूतपूर्व काम और उनकीसाफ़ सुथरी छवि है. राजनितिक जानकारों का यह भी मानना है कि बहुत सारे सीएम अपने कार्यकाल में दाग लगने से नहीं बचा पाए. वहीँ अखलेश अपने पूरे कार्यकाल में अपनी छवि को बरकरार रखने में कामयाब रहे.