BRD मेडिकल कॉलेज मामले में आठ महीने से जेल में बंद डॉ कफील खान को हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शनिवार शाम जिला जेल से रिहा कर दिया गया। जेल से रिहा होते ही गेट पर अपनी पत्नी डॉ शबिस्ता खान और बच्ची को देखकर डॉ कफील रो पड़े। पिछले साल 10 अगस्त की रात बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सिजन की कमी हो जाने के कारण 30 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी।
इस मामले में मुख्य आरोपियों में से एक इंसेफेलाइटिस वॉर्ड के इंजार्च डॉ. कफील खान को एसटीएफ ने 2 सितंबर 2017 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से डॉ कफील जल में बंद थे। शनिवार को जेल रिहा होने के बाद डॉ कफील ने कहा, ‘10 अगस्त की रात को मैंने वही किया था, जो एक डॉक्टर, पिता और हिंदुस्तानी करता। मैंने बच्चों को बचाने की कोशिश की थी।’
जेल से रिहा होते ही डॉक्टर कफील खान ने कहा, ‘आठ महीने जेल में बिताने के बाद मैं मानसिक तौर पर परेशान हो चुका हूं और शारीरिक तौर पर बीमार महसूस कर रहा हूं। मैं केवल घर जाना चाहता हूं, मां को गले लगाना चाहता हूं और आराम से सोना चाहता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘इस दौरान मैंने अपने परिवार को मिस किया।’
डरावने थे जेल के आठ महीने
डॉ. कफील ने कहा, ‘जेल में आठ महीने मेरे लिए बहुत ही ज्यादा डरावने थे, मुझे बिना किसी कारण के खतरनाक अपराधियों के बीच रखा गया। ये बहुत ही बुरा था। मुझे नहीं पता मैंने क्या गलत किया था। मैंने उस रात जो किया एक पिता की तरह, एक डॉक्टर की और हिन्दुस्तानी की तरह कोशिशि की, मेरी जगह कोई भी करता। मैंने तो सिर्फ बच्चों की जान बचाने की कोशिश की थी।’ उन्होंने कहा, ‘मीडिया ने मुझे उस समय बच्चों को बचाने के लिए दौड़ते देखा था।’ कफील ने आग्रह किया, ‘मेरे नाम के आगे ऑक्सिजन कांड का आरोपी लिखना बंद कर दें।’
सरकार के पास नहीं है कोई सबूत डॉ. कफील ने कहा कि आठ महीने में सरकार ने उनके खिलाफ कोर्ट में कोई ठोस सबूत नहीं पेश कर पाई है क्योंकि वह पूरी तरह से बेगुनाह हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने ऐसा कुछ नहीं किया, जिसकी मुझे वजह से जेल में आठ महीने काटने पड़े।’ बता दें कि पिछले दिनों इलाज के लिए जेल से बाहर आए डॉ कफील ने जेल में अपनी जान को खतरा बताया था।