आडवाणी बरस पडें गडकरी पर‌

नई दिल्ली ! लालकृष्ण अडवाणी ओर पार्टी लिडर नितिन गडकरी के आपसी इख्तेलाफात गुरुवार को उस वकत‌ सामने आएं जब उन्होंने अपने ब्लॉग पर गडकरी को सीधे तौर पर निशाना बनाया। आडवाणी ने पार्टी की मौजूदा हालत‌ पर चिंता जाहिर करते हुए गुरुवार को कहा कि मुल्क के लोग अगर युपिए कि कांग्रेस‌ सरकार से नाराज‌ है तो वो बिजेपि से भी खुश नहीं है।

पेट्रोल कि किमतों में बढावे के खिलाफ बिजेपी ने गुरुवार को जहां पुरे भारत के बंद मनाया, वहीं आडवाणी ने अपने ब्लॉग पर कहा कि मुल्क‌ की अहम अप्पोजिशन‌ पार्टी कि कारकरदगी इत्मिनान बखश नहीं है।

आडवाणी के इस ब्लॉग बम का बिजेपी नेताओं के पास कोई जवाब नहीं था। किसी भी नेता ने इस पर अपना वीचार जाहिर करना मुनासिब नहीं समझा।

आडवाणी ने कहा, “इन दिनों पार्टी की हालत अच्छी नहीं है। उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजें, मायावती सरकार से बदउनवानियों के इलजाम‌ पर हटाए गए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के मंत्रियों को पार्टी ने जिस तरीके से अपनी पार्टी में शामिल किया और कर्नाटक ओर‌ झारखण्ड में पार्टी ने सियासी मस्लों को जिस तरह हल करने कि कोशिश कि-इन सभी मसलों ने करप्शन के खिलाफ पार्टी की लड़ाई को कमजोर किया।”

आडवाणी ने कडे तेवर अपनाते हुए पार्टी लिडर‌ नितिन गडकरी को निशाना बनाया क्योंकि गडकरी ने तीनों मसलों पर फैसला करने में बहुत अहम रौल अदा किया है। चाहे वो कुशवाहा को पार्टी में शामिल करने का हो या अंशुमान मिश्रा को राज्यसभा से टिकट देने का या फिर येदियुरप्पा की हठ का।

बहुजन समाज पार्टी से हकाले गएं मंत्री बाबूसिंह कुशवाहा को बीजेपी में शामिल करने में गडकरी का अहम रौल रहा और कुशवाहा को शामिल किए जाने को लेकर पार्टी के कई बडे लिडर‌ नाराज हुए थे।

वहीं, राज्यसभा चुनाव में झारखण्ड से गडकरी के करीबी कारोबारी अंशुमान मिश्रा की उम्मीदवारी कि पार्टी के कई नेताओं ने मुखालिफत‌ जिसके बाद मिश्रा को चुनाव मैदान से हटना पड़ा। कर्नाटक में समझा जाता है कि गडकरी पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा कि हिमायत‌ कर रहे हैं, जबकि येदियुरप्पा के ताल्लुकात‌ आडवाणी से ठीक नहीं है।
बीजेपी के अंदरुनी हालात पर वीचार जाहिर करते हुए अडवाणी ने ये भि कहा कि रीपोटरों का ये कहना बिल्कुल सही है कि बीजेपी आपसी इख्तेलाफात कि वजह से कोइ अहम कारनामा अंजाम नहि दे पारही हैं।

आडवाणी ने कहा, “मैंने कोर ग्रुप की मिटींग‌ में कहा था कि अगर‌ आज लोग युपीए सरकार से नाराज हैं तो वो हमसे भी नाराज‌ हैं। एसे हालात‌ में हमें अपने गिरीबान में झांकने कि सखत जरूरत‌ है।”

आडवाणी ने लिखा कि पार्टी कारकुनों में इन दिनों एकता नहीं है। उन्होंने लिखा कि जब पत्रकार युपीए पर बदउनवानियों के लिए हमला करते हैं तो वे इस पर भी दुख जाहीर करते हैं कि बीजेपी बहतर‌ रूप में नहीं उभर रही।

उन्होंने लिखा, “मैं मीडिया में रह चुका हूं और समझता हूं कि ये अभि लोगों की राय बिल्कुल ठीक तरीके से पेश कर रहा है।”

उन्होंने ये भी कहा कि पार्टी की तरफ‌ से जो खामियां रही हैं, उनकी भरपाई बिजेपी सरकार वाले राज्यों और पार्लिमेंट‌ में सुषमा स्वराज ओर‌ अरुण जेटली कि सरपरस्ती के बावजूद नहीं हो सकती।

इस दरमियान‌ जराए ने बताया है कि अंशुमान मिश्रा ने एक खुला खत‌ जारी करके आडवाणी को निशाना बनाया है। मिश्रा ने अपने खत‌ में कहा है कि आडवाणी की उम्र किताबें पढ़ने और अपने पौतों के साथ खेलने की हो गई है। उन्होंने ये भी कहा कि बिजेपी को ए. के. हंगल नहीं बल्कि आमिर खान और रणवीर कपूर की जरूरत है।

वाजेह रहे कि आडवाणी ने अपने ब्लॉग में ये भी कहा है कि हंगल 97 साल की उम्र में टेलीविजन सीरियल मधुबाला से अपनी वापसी कर रहे हैं। इसे दरअसल ये भि माना जा रहा है कि आडवाणी खुद को गुजरा हुआ नहीं मान रहे हैं।