आतंकवादियों को शरण देने वालों से भी खतरा, शांति और विकास पर नकारात्मक प्रभाव: मोदी का भाषण

बीनावलम (गोवा): पाकिस्तान को दुनिया भर में आतंकवाद का ” धुरी ” करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे निपटने के लिए निर्णायक विश्व कार्य योजना पर जोर दिया जिसमें क्रमिक फंड्स को रोकना हथियारों की अध्यक्षता नियंत्रण, प्रशिक्षण और आतंकवादी संगठनों को राजनीतिक समर्थन समाप्त करना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस संकट से निपटने के लिए एक तय गये रणनीति के परिणाम में न केवल लाभप्रद परिणाम निकलेगा बल्कि यह कदम अत्यधिक कुशल भी साबित होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पाकिस्तान की कड़ी निंदा की और कहा कि भारत के पड़ोस में एक देश न केवल आतंकवादियों को पनाह देता है बल्कि ऐसी मानसिकता को प्रेरित भी करता है जो आतंकवाद को राजनीतिक लाभ के लिए सही होने का दावा करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र में आतंकवाद यहाँ शांति, सुरक्षा और विकास के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है। दुखद पहलू यह है कि आतंकवाद की जड़ें इस देश में पैवस्त हैं जो भारत के पड़ोस में है।

दुनिया भर में जहां भी आतंकवादी हो इसका संबंध अपनी धुरी से होता है। इस शिखर बैठक में राष्ट्रपति चीन जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पोटीन, राष्ट्रपति ब्राज़िल माइकल टीमर और राष्ट्रपति दक्षिण अफ्रीका जैकब जुमा भागीदार हैं। ब्रिक्स प्लेनरी सेशन को संबोधित के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद का जवाब व्यापक और प्रभावी रूप से देना होगा और सभी देशों को व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से व्यावहारिक कदम उठाने चाहिए।

नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन का मसौदा जल्द पारित करने पर जोर देते हुए कहा कि ऐसा करते हुए हम यह सबूत दे सकते हैं कि इस संकट के अंत में सभी देशों गंभीर हैं। आज हम जिस दुनिया में जीवन गुज़ार रहे हैं सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग आवश्यक है। आतंकवाद ने हमारे विकास और आर्थिक समृद्धि पर प्रभाव किए हैं। अब यह वैश्विक रूप ले चुकी है। अब यह अत्यंत घातक बन गई है और समकालीन प्रौद्योगिकी को भुनाया जा रहा है। ऐसे में हमारा आतंकवाद के खिलाफ सख्त प्रतिक्रिया होना चाहिए और यह व्यापक होना भी जरूरी है।

उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। नरेंद्र मोदी ने कल पोटीन और जिनपिंग से मुलाकात के दौरान भी पाकिस्तान से होने वाले आतंकवाद पर भारत की चिंता से वाकिफ कराया था। उन्होंने कहा था कि आतंकवाद की मदद करने वालों को सजा मिलनी चाहिए पुरस्कार नहीं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद ने अपने प्रभाव इतना फीलादेये कि अब मध्य पूर्व, पश्चिम एशिया, यूरोप और दक्षिण एशिया को खतरा हो चुका है। इसके हिंसक प्रभाव ने हमारे नागरिकों के जीवन को जोखिम में डाल दिया और आर्थिक विकास के लक्ष्यों में बाधा बन रही है।