आतंकवाद, एनएसजी सदस्यता और पनडुब्बी डाटा पर चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्ष फ्रांस फ्रेंकोइस नेदरलैंड, राष्ट्रपति तुर्की रिसेप तईप और प्रधानमंत्री ब्रिटेन थेरेसामे से अलग बैठकें
हनगज़ो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रपति फ्रांस फ्रेंकोइस हॉलैंड और ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से निष्कासन के बाद पहली बार प्रधानमंत्री का पद संभालने वाली थेरेसामे से अलग मुलाकात की। जी -20 शिखर बैठक के अवसर पर हुई इन बैठकों में नरेंद्र मोदी ने फ्रेंकोइस नेदरलैंड भारतीय स्कोरपीन पनडुब्बियों के गुप्त डाटा के प्रकटीकरण का मामला उठाया। इस पनडुब्बियों फ्रांस की रक्षा कंपनी DCNS साझा मुंबई में तयार की जा रही थीं।

चीन के पूर्वी शहर में जहां आज शिखर बैठक के दूसरे और अंतिम दिन था। नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति तुर्की रिसेप तईप अरदगान भी
अलग‌ मुलाकात की। उन्होंने भारत की परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) सदस्यता लेने के मामले में भी बात की। प्रधानमंत्री ब्रिटेन थेरेसामे से मुलाकात के दौरान उन्होंने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर के निर्णय के बाद नए अवसरों के बारे में चर्चा की। फ्रेंकोइस हॉलैंड से मुलाकात के दौरान उन्होंने स्कोरपीन क्लास पनडुब्बियों से संबंधित अत्यधिक संवेदनशील डाटा के प्रकटीकरण का मामला उठाया।

मंत्रालय प्रवक्ता विकास स्व‌रूप ने मीडिया के प्रतिनिधियों को यह बात बताई। भारतीय नौसेना की ओर से मुंबई में फ्रांस की रक्षा कंपनी डी सीएनएस साझा तैयार किए जा रहे छह बेहद समकालीन पनडुब्बियों की क्षमताओं से संबंधित 22 हजार पन्नों से अधिक गोपनीय सामग्री का खुलासा हुआ था। राष्ट्रपति तुर्की रिसेप तईप अरदगान से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने 48 सदस्यीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता के बारे में चर्चा की। अरदगान यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि तुर्की उन कुछ देशों में एक है जो चीन के साथ भारत की कोशिश रोक दी थी। सियोल में जून में एनएसजी के प्लेनरी बैठक में भारत को विफलता हुई थी।

चीन ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। तुर्की ने भी भटक मुस्लिम नेता विजय अल्लाह ग्लेन समर्थकों की भारत में मौजूदगी पर चिंता जताई। तुर्की में हाल असफल विद्रोह के लिए जीत अल्लाह ग्लेन को आरोपित ठहराया जा रहा है। स्व‌रूप ने बताया कि तुर्की के साथ नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री ब्रिटेन थेरेसामे कहा कि यूरोपीय संघ से निष्कासन के बाद भी ब्रिटेन हमारे (भारत) के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार रहेगा।

उन्होंने हाल ही में जीएसटी विधेयक को मंजूरी का भी जिक्र किया जिसके नतीजे में ब्रिटेन के साथ व्यापार और निवेश संबंधों को अधिक बढ़ावा मिलेगा। दोनों नेताओं ने रक्षा भागीदारी बढ़ाने पर भी बात की और मोदी ने ब्रिटिश फरमस को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया। आतंकवाद से पैदा चैलेंजस पर भी उन्होंने बात की और कहा कि यह दुनिया के लिए इस समय सबसे बड़ा खतरा है और इसकी कोई सीमा नहीं। नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश वीजा नीति का भी जिक्र किया और कहा कि नए नियमों से उन भारतीय परवफेशनलस पर नकारात्मक असर पड़ेगा जो अल्पावधि के लिए वाणिज्यिक स्वार्थों से ब्रिटेन आना चाहते हैं।