आतंकवाद के इलज़ाम में गिरफ्तार अन्ज़र शाह के ख़िलाफ़ नहीं मिला सबूत, अगले माह हो सकते हैं रिहा

नई दिल्ली: आतंकवादी संगठन अलकायदा से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार प्रसिद्ध विद्वान मौलाना अन्ज़र शाह कासमी और अन्य आरोपियों को मामले से डिस्चार्ज किए जाने वाली याचिका पर आज फैसला होना था लेकिन दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष एनआईए न्यायाधीश श्री रितेश सिंह ने मामले की सुनवाई यह कहते हुए 15 / नवंबर तक स्थगित कर दी कि फैसला लिखाने का अमल जारी है और उन्हें इस संबंध में अधिक समय की आवश्यकता है। यह जानकारी आज यहां मुंबई में आरोपियों को कानूनी सहायता प्रदान करने वाली संस्था जमीअत उलेमा महाराष्ट्र (अरशद मदनी) से प्राप्त किया गया।

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गौरतलब है कि पिछले दिनों सुनवाई पर एडवोकेट एमएस खान ने अदालत को बताया था कि एनआईए ने आरोपियों को अलकायदा से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया है जबकि इस संगठन से उनका कोई संबंध नहीं तथा आरोपी अन्ज़र शाह के क़ब्ज़े से खोजी दस्तों को कुछ हासिल नहीं हुआ है और न ही उन्होंने इस मामले में कोई इकबालिया बयान दिया है।
न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार एडवोकेट एमएस खान ने अदालत को बताया था कि जिस सरकारी गवाह ने अन्ज़र शाह के खिलाफ बयान दर्ज कराया था और वह अपने पिछले बयान से भटक चुका है और इस मामले के अन्य आरोपी मोहम्मद आसिफ और अब्दुल भी अन्ज़र शाह को लेकर कोई बयान नहीं दिया है।
एडवोकेट एमएस खान ने अदालत को आरोपी मोहम्मद आसिफ को लेकर कहा कि खोजी दस्तों ने अदालत में ऐसा कोई सबूत नहीं पेश किया है जिससे यह साबित होता है कि आरोपी पाकिस्तानी प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिये गया था और वहां से लौटने के बाद उसने अन्य आरोपियों में पैसे भी वितरित किए थे। ख्याल रहे कि इसी साल 6 / जनवरी की रात नौ बजे मौलाना अन्ज़र को दिल्ली पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन अल कायदा से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और खोजी दल ने अदालत को बताया था कि आरोपी को वर्जित संगठन अलकायदा के लिए काम करने के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है।
इससे पहले दारुल उलूम देवबंद के फ़ारिग मौलाना अब्दुर्रहमान जिन्हें अन्य आरोपियों के साथ वर्जित संगठन अलकायदा से संबंध के आधार पर गिरफ्तार किया गया था डिस्चार्ज याचिका पर पिछले सप्ताह वरिष्ठ क्रिमिनल वकील नतयार रामा कृष्णन और एडवोकेट सारीम नवेद ने चर्चा की थी और अदालत को बताया था कि आरोपी अब्दुल रहमान और अन्य आरोपियों के खिलाफ यूएईपीए के प्रावधानों के तहत मामला बनता ही नहीं क्योंकि खोजी दस्तों ने उनके खिलाफ जो सबूत इकट्ठा किए हैं वे कानून की दृष्टि में स्वीकार्य है ही नहीं तो आरोपी को डिस्चार्ज किया जाए। इस मामले में गिरफ्तार चारों आरोपी अब्दुर्रहमान, मौलाना अन्ज़र शाह कासमी, अब्दुल और मोहम्मद आसिफ के भाग्य का फैसला अगले महीने की 15 / तारीख को तय होगा ।